कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन को और तेज करने के लिए किसानों को एक नया फार्मूला देते हुए कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 आदमी 10 दिन का समय लेकर आएं, और इस तरह हर किसान इस आंदोलन में शामिल हो सकेगा और गांव लौटकर खेती भी कर सकेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि चूंकि आंदोलन को ज्यादा लंबे वक्त तक चलाना है, इसलिए किसानों को एक फॉर्मूला बताया गया है, ताकि हर किसान भागीदारी कर सके और आंदोलन और ज्यादा लंबे वक्त तक चल सके। टिकैत ने एक बार फिर कहा कि किसान संगठनों के नेता सरकार से बात करने के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन सरकार बात ही नहीं कर रही। दरअसल, सरकार इस आंदोलन को लंबा चलने देना चाहती है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि इस फॉर्मूले के मुताबिक यदि गांव के लोग आंदोलन के लिए कमर कस लें, तो हर गांव के 15 आदमी 10 दिन तक आंदोलन स्थल पर रहेंगे और उसके बाद 15 लोगों का दूसरा जत्था आ जाएगा। उनसे पहले जो धरना स्थल पर रहे होंगे, वे गांव जाकर अपने खेत में काम कर सकेंगे। टिकैत ने मंच से कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर, 15 आदमी और 10 दिन के फार्मूले पर काम करो, फिर आंदोलन चाहे 70 साल चले, कोई दिक्कत नहीं है।
दरअसल, विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ करीब ढाई महने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका है। हालांकि आगे सरकार के साथ बातचीत जारी रखने पर टिकैत ने कहा, "हम मीडिया के माध्यम से सरकार से बात करने के लिए कहते रहेंगे, अब यह सरकार को देखना है कि उसके पास किसानों के लिए कब समय है।"
राकेश टिकैत ने आगे कहा, "सरकार किसान आंदोलन को आगे लंबा बढ़ाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। किसानों से बात न करना और दिल्ली की किलेबंदी करना सरकार की इसी रणनीति का हिस्सा है। देखते हैं, सरकार कब तक किसानों की परीक्षा लेती है। हम ऐसे नहीं जाने वाले दिल्ली पुलिस की सारी कीलें उखाड़ कर जाएंगे।"
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