कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता देशभर में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं और किसानों को इन कानूनों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जास्थान के अलग-अलग हिस्सों में लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ पंचायतें आयोजित की जा रही हैं। अब राकेश टिकैत ने चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल जाने की तैयारी कर ली है। साफ है उनका मकसद बंगाल के किसानों को इन तीन कृषि कानूनों से उपजने वाली परेशानियों के बारे समझाना है।
Published: 07 Mar 2021, 11:37 AM IST
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “13 मार्च को पश्चिम बंगाल जाऊंगा, वहां बड़ी पंचायत है। वहां के किसानों से मिलेंगे और किसान आंदोलन और एमएसपी के बारे में बात करेंगे। कल महिला दिवस मनाएंगे, बॉर्डर पर कल पूरा संचालन महिलाएं करेंगी।”
Published: 07 Mar 2021, 11:37 AM IST
गौरतलब है कि राकेश टिकैत द्वारा बंगाल का रुख करने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ेंगी। पहले से ही टीएमसी तीनों कृषि कानूनों के खिलफ है। टीएमसी के नेता दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दे चुके हैं। ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत का चुनावी राज्य बंगाल का रुख करना बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
Published: 07 Mar 2021, 11:37 AM IST
किसान लगातार दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को 100 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। किसान केंद्र की मोदी सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनकी यह भी मांग है कि सरकार एमएसपी पर लीगल गारंटी दे, लेकिन किसानों की मांगों को सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं है। सरकार का कहना है कि वह तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। उधर, किसानों का कहना है कि जब तक यह तीन कृषि कानून वाप स नहीं होते और एमएसपी पर लीगल गारंटी उन्हें नहीं मिलती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
Published: 07 Mar 2021, 11:37 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 07 Mar 2021, 11:37 AM IST