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RLD ने बागपत और बिजनौर सीट से प्रत्याशी का किया ऐलान, जयंत चौधरी ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के दिए संकेत

चौहान चौहान जहां गुर्जर जाति से आते हैं, वहीं राजकुमार सांगवान जाटों के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और गुर्जरों की खासी तादाद है, ऐसे में आरएलडी द्वारा इन दोनों को उतारा जाना जातीय समीकरण साधने की कोशिश मानी जा सकती है।

RLD ने बागपत और बिजनौर सीट से प्रत्याशी का किया ऐलान, जयंत चौधरी नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
RLD ने बागपत और बिजनौर सीट से प्रत्याशी का किया ऐलान, जयंत चौधरी नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव फोटोः सोशल मीडिया

बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में हाल में शामिल हुए राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए बागपत से राजकुमार सांगवान और बिजनौर सीट से चंदन चौहान को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। इस ऐलान से साफ हो गया है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही आरएलडी ने विधान परिषद के आगामी चुनाव में एक सीट पर अपना दावा जताते हुए उम्मीदवार की घोषणा की है।

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आरएलडी द्वारा सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपने हैंडल से डाले गए पोस्ट में बताया गया कि पार्टी ने बिजनौर लोकसभा सीट से चंदन चौहान को और बागपत सीट से राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है। चंदन चौहान इस वक्त मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से आरएलडी के विधायक भी हैं। चौहान गुर्जर समुदाय से आते हैं। उनके पिता संजय सिंह चौहान वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर से सांसद भी चुने गए थे। उनके दादा नारायण सिंह चौहान वर्ष 1979 में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

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इसके अलावा राजकुमार सांगवान जाट बिरादरी के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं में शुमार किये जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और गुर्जरों की खासी तादाद है, ऐसे में आरएलडी द्वारा इन दोनों बिरादरियों के उम्मीदवारों को उतारा जाना जातीय समीकरण साधने की कोशिश मानी जा सकती है। इसके अलावा आरएलडी ने विधान परिषद की एक सीट के लिये योगेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।

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हालांकि अभी एनडीए ने लोकसभा और विधान परिषद की सीटों के बंटवारे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है। मगर चर्चा है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपने गठबंधन के सहयोगी दलों अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और आरएलडी के लिए कुल पांच सीटें छोड़ सकती है, बाकी 75 सीटों पर बीजेपी अपने प्रत्याशी उतारेगी।

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