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संघ ने किया सेना का अपमान, भागवत बोले, युद्ध के लिए स्वंयसेवक हो जाएंगे तीन दिन में तैयार, सेना लेगी 6 महीने

आरएसएस ने भारतीय सेना का अपमान करने वाला बयान दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि युद्ध की तैयारी में सेना को 6-7 महीने लगेंगे, लेकिन संघ के स्वंयसेवक तीन दिन में तैयार हो जाएंगे।

फोटो सोशल मीडिया
फोटो सोशल मीडिया आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सेना के अपमान की कटु आलोचना हो रही है

एक तरफ हमारे जवान जम्मू में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लोहा ले रहे हैं, तो कहीं हमारे जवान दिन रात देश की सीमाओं पर डटे रहकर हमारी सुरक्षा कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने सेना का अपमान किया है। और अपमान भी संघ के किसी छोटे-मोटे नेता ने नहीं, बल्कि संघ मुखिया ने किया है। बिहार के मुजफ्फपुर में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, “अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है।” उन्होंने मुजफ्फरपुर के जिला स्कूल मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि, “सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह—सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी।”

उन्होंने कहा, “यह हमारी क्षमता है, पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं, लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।”

संघ प्रमुख के इस आपत्तिजनक बयान पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि “सेना की क्षमता का मज़ाक बनाने वाले इस बयान की मैं पूर्ण रूप से निंदा करता हूं। भागवत जी को बयान वापस ले सेना से माफी मांगनी चाइये। क्या आपकी कश्मीर सरकार द्वारा फौजियों पर 302 का मुकदमा बनाना काफी नही था? हर रोज हमारे सैनिक शहीद हो रहे है और आप अपने आप को उनसे सक्षम बात रहे हो।”

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वहीं सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि है कि संघ को अपने इस बयान के लिए माफी मांगना चाहिए।

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उधर खुश्बू सुंदर ने कहा है कि संघ और कितना नीचे गिरेगा।

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संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को आरजेडी ने भी भारतीय सेना का अपमान बताया है आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, “मोहन भागवत जी उसी आरएसएस के मुखिया हैं जिनका देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। यह तो गोडसे को पूजने वाले लोग हैं। ऐसे में आरएसएस ने सीधे तौर पर भारतीय सेना का अपमान किया और इस बयान से आरएसएस ने देश और दुनिया में भारतीय सेना की ताकत को कम कर दिया।”

उन्होंने कहा कि, “आरएसएस की सेना के सामने अब माननीय प्रधानमंत्री जी को और भारतीय जनता पार्टी के बड़बोले नेताओं को बयान देना चाहिए. यह कौन सी भाषा है, भारतीय सेना का अपमान करके आरएसएस क्या बताना चाहता है। ये लोग देश को टुकड़े करने वाले लोग हैं. समाज को तोड़ने वाले लोग हैं।”

वहीं सोशल मीडिया पर मोहन भागवत के बयान को लेकर जबरदस्त तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। सोशल साइट ट्विटर पर हैशटैग #RSSInsultsArmy ट्रेंड करने लगा। इस हैशटैग पर हजारों ट्वीट हुए हैं और लोगों ने भागवत के इस बयान को सेना का अपमान बताया है।

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कुछ लोगों ने तो इस पर कार्यवाही की मांग भी की है। अशोक कुमार नाम के व्यक्ति ने लिखा है कि, “संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सेना के इस अपमान पर सख्त से सख्त करवाई होनी चाहिए,वरना कहीं ऐसा ना हो की सेना के प्रति युवाओं में जोश और जज़्बा कम हो जाए! जब देखो BJP और संघ के लोग सेना एंव सैनिकों का अपमान करते रहते हैं,कोई विशेष छूट है क्या इनको सेना के अपमान की।”

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वहीं एक शख्स ने लिखा कि आरएसएस ने तिरंग फहराने में हमेशा आनाकानी की, और अब वही संघ किस मुंह से सेना का अपमान कर रहा है।

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प्रभात तिवारी नाम के व्यक्ति ने लिखा कि संघ का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा, वही संघ आज सेना का अपमान कर रहा है।

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