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सतारा में लेडी डॉक्टर सुसाइड केस: कांग्रेस बोली- न्यायिक जांच होनी चाहिए, ये आत्महत्या नहीं, एक संस्थागत हत्या है

कांग्रेस सांसद और मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि इस मामले में पुलिस ही उत्पीड़न का कारण बन गई थी। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता का क्या होगा। साफ है कि ये आत्महत्या नहीं, एक संस्थागत हत्या है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के सतारा जिले में महिला चिकित्सक के कथित उत्पीड़न और आत्महत्या मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने के साथ ही न्यायिक जांच होनी चाहिए। पार्टी सांसद और मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी है। उन्होंने कहा कि फडणवीस को माफी मांगनी चाहिए।

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मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले की रहने वाली चिकित्सक का शव पिछले सप्ताह एक होटल के कमरे में फंदे से लटका पाया गया था। अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में उसने आरोप लगाया था कि उपनिरीक्षक गोपाल बदने ने उससे कई बार बलात्कार किया जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।

वर्षा गायकवाड़ ने कहा, ‘‘इस मामले में पुलिस ही उत्पीड़न का कारण बन गई थी। जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता का क्या होगा। साफ है कि ये आत्महत्या नहीं, एक संस्थागत हत्या है।’’

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उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जी एक बैठक में गए। वहां वे जिस मंच पर थे, उसी मंच पर वे सभी लोग थे, जिनके ऊपर पीड़िता ने उंगली उठाई थी। देवेन्द्र फडणवीस जी ने बिना किसी जांच के सीधा मंच से उन लोगों को क्लीन चिट दे दी।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘वह किसे बचाना चाहते हैं?’’

वर्षा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग हमेशा अपराधियों के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एसआईटी का गठन करने के साथ ही न्यायिक जांच होनी चाहिए।

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कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने कहा, ‘‘आज देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का गृहमंत्री और मुख्यमंत्री रहने का कोई हक नहीं है। अगर इस्तीफा नहीं होता है तो साफ हो जाएगा कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह महिला और बहुजन समाज के विरोधी हैं।’’

उनका कहना था, ‘‘सतारा के मामले में एसआईटी का गठन करके उसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समकक्ष शक्ति दी जाए। इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों पर सवाल उठे हैं, उनके खिलाफ विभागीय जांच हो। देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में बिना जांच ‘क्लीन चिट’ कैसे दे दी- इसकी भी जांच की जाए।’’

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