हालात

सोनम वांगचुक ने लेह हिंसा भड़काने के लिए दोषी ठहराने पर सरकार को घेरा, ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति करार दिया

वांगचुक ने कहा कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं, ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

सोनम वांगचुक ने लेह हिंसा भड़काने के लिए दोषी ठहराने पर सरकार को घेरा, ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति करार दिया
सोनम वांगचुक ने लेह हिंसा भड़काने के लिए दोषी ठहराने पर सरकार को घेरा, ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति करार दिया फोटोः सोशल मीडिया

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने एक दिन पहले लद्दाख के लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए मोदी सरकार द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने को ‘‘बलि का बकरा’’ बनाने की रणनीति करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की मूल समस्याओं से निपटने से बचना है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक को उग्र हिंसा भड़काने का जिम्मेदार ठहराया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जलवायु कार्यकर्ता ने कहा कि वह कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया, ‘‘ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस द्वारा भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा।’’

Published: undefined

वांगचुक ने कहा, ‘‘वे किसी को बलि का बकरा बनाने की चालाकी कर सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं। इस समय, हम सभी को ‘चतुराई’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं।’’ जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं, ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।’’

Published: undefined

जलवायु कार्यकर्ता ने हिंसा भड़कने के लिए लंबे समय से चली आ रही शिकायतों, खासकर क्षेत्र के युवाओं में व्याप्त हताशा को जिम्मेदार ठहराया और तर्क दिया कि असली वजह ‘‘छह साल की बेरोजगारी और हर स्तर पर अधूरे वादों की हताशा’’ है। उन्होंने सरकार पर नौकरी में आरक्षण पर सफलता का दावा करके जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

इसे भी पढ़ेंः लेह में भड़की हिंसा के बाद कर्फ्यू, केंद्र का सोनम वांगचुक पर गंभीर आरोप, जानें प्रभावित इलाके में अब कैसे हैं हालात

Published: undefined

उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा एवं लद्दाख के आदिवासी दर्जे और पर्यावरण की रक्षा के लिए छठी अनुसूची के विस्तार की मुख्य मांगों पर पांच साल की शांतिपूर्ण अपीलों के बाद भी गौर नहीं किया गया हैं। वांगचुक ने कहा कि ‘‘बलि का बकरा’’ बनाने की रणनीति अपनाकर सरकार ‘‘वास्तव में शांति के उपाय नहीं कर रही है, बल्कि ऐसे कदम उठा रही है, जो लोगों की मूल मांगों से ध्यान भटकाकर स्थिति को ‘और बिगाड़’ देंगे।

इसे भी पढ़ेंः लेह में पुलिस से झड़प में चार लोगों की मौत, कई घायल, हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने हड़ताल वापस ली

Published: undefined

अधिकारियों के मुताबिक, वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख राज्य का आंदोलन बुधवार को लेह में हिंसा, आगजनी और हिंसा में बदल गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 40 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 80 लोग घायल हो गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और राजनीति से प्रेरित कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं, उनके भड़काऊ बयानों की वजह से भीड़ हिंसक हो गई। केंद्र ने आज वांगचुक द्वारा स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।

इसे भी पढ़ेंः लेह में बवाल: पुलिस-छात्रों के बीच झड़प, CRPF की गाड़ी फूंकी, BJP दफ्तर में लगाई आग, सोनम वांगचुक का कर रहे थे समर्थन

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined