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CWC की बैठक में सोनिया बोलीं- कोरोना से लड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी, लेकिन बिना तैयारी लिए गए फैसले से देश परेशान

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी में ले लिया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

देश भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। पिछले 12 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के नए 131 मामले सामने आए हैं। देश में अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1965 पहुंच गया है। इसमें से 151 लोग ठीक हो चुके हैं यानी ऐक्टिव केस 1764 हैं। अब तक 50 लोगों की कोरोना की वजह से जान जा चुकी है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सेनिया गांधी ने कहा कि हमारे सामने स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन इसे दूर करने का हमारा संकल्प अधिक होना चाहिए।

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सोनिया गांधी ने कहा, “कोरोना वायरस से लड़ने के लिए निरंतर परीक्षण का कोई विकल्प नहीं है। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को सभी के समर्थन की आवश्यकता है। पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट जैसे कि हजमत सूट। एन-95 मास्क उन्हें युद्धस्तर पर मुहैया कराए जाने चाहिए।”

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इस दौरान सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी में ले लिया गया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण बने हालात से निपटने के लिए सरकार को एक विस्तृत रणनीति बनाना चाहिए थी। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन आवश्यक हो सकता है लेकिन इसके अनियोजित क्रियान्वयन से लाखों प्रवासी श्रमिकों को परेशानी और तकलीफ उठानी पड़ रही है।

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वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के लिए देश के साथ एकजुट होकर खड़ी है।

वही राहुल गांधी ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को कोविड 19 से प्रभावित होने की आशंका वाले संवेदनशील वर्गों के लिए विशेष परामर्श जारी किए जाने की जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने प्रवासियों को उनके भोजन और राशन की व्यवस्था किए बिना उन्हें घर से बाहर नहीं भेजा है। यह सब व्यवस्था करने के बाद ही लॉकडाउन किया गया है।

राहुल गांधी ने बैठक में आगे कहा कि यह वायरस वृद्ध और फेफड़े की बीमारी वाले लोगों, मधुमेह और हृदय रोग वाले व्यक्तियों पर हमला करता है। सभी राज्य सरकार को इनके लिए स्पेशल एडवाइजरी जारी करने और ध्यान रखने की आवश्यकता है।

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बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपनी बात रखी। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने प्रदेश में भोजन, दवा के इंतजाम के साथ अन्य तैयारियों की जानकारी दी। वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने पीडीएस प्रणाली के तहत सभी परिवारों को 10 किलोग्राम राशन मुफ्त दिया है। आंगनबाड़ियों में सभी बच्चों को उनके घर भोजन भेजा जा रहा है। हालांकि, भारत सरकार ने 2,000 करोड जीएसटी के हिस्से के नहीं दिए है।

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वहीं पी चिदंबरम ने कहा सरकार ने संकट की व्यापकता को पूरी तरह से नहीं समझा है। कांग्रेस को इस मुद्दे पर लगातार सरकार को समर्थन करना चाहिए। साथ ही कमियों को भी बताना चाहिए। वहीं अहमद पटेल ने कहा कांग्रेस ने हर कदम पर सरकार का समर्थन किया है। यह भी सच्चाई है कि मीडिया कांग्रेस के सुझाव दिखाने से परहेज करता है लेकिन हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते। बता दें कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

गौरतलब है कि कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले कुछ दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखकर चुकी हैं जिनमें उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए कई सुझाव दिए और ग्रामीण भारत के गरीबों एवं मनरेगा मजदूरों को सहायता राशि देने सहित कई मांगें भी कीं।

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