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शाहरुख की आवाज में नए संसद भवन का वीडियो, किंग खान का संदेश: नए घर में लोकतंत्र की आत्मा जीवंत रहे

फिल्म स्टार शाहरुख खान ने नए पीएम मोदी द्वारा जारी वीडियो को अपनी आवाज दी है। उन्होंने नए संसद भवन में लोकतंत्र की आत्मा जीवंत रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि उम्मीद है कि नया भवन स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जारी रखेगा।

शाहरुख खान ने संसद के नए भवन के वीडियो को अपनी आवाज दी है। (चित्र में बाएं शाहरुख खान और दाएं संसद के नए भवन का दृश्य)
शाहरुख खान ने संसद के नए भवन के वीडियो को अपनी आवाज दी है। (चित्र में बाएं शाहरुख खान और दाएं संसद के नए भवन का दृश्य) 

शाहरुख खान गंभीर विषयों पर गंभीर बातें कहने के लिए जाने जाते हैं। संसद के नए भवन के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के अंदर का वीडियो जारी करते हुए सभी देशवासियों से अपील की थी कि वे अपनी आवाज में इस पर वॉयसओवर कर इस वीडियो को शेयर कर सकते हैं।

उनके इस आह्वान पर तमाम लोगों ने ऐसा किया। फिल्म स्टार शाहरुख खान ने भी इस वीडियो पर अपनी आवाज में वॉयसओवर किया है। लेकिन उन्होंने इसके साथ ही बहुत गंभीर संदेश देते हुए नए संसद भवन से उम्मीदें जताई हैं। उन्होंने कहा है कि नया संसद भवन देश के करोड़ों लोगों की उम्मीदों का घर है और उम्मीद है कि इसमें सभी जाति-प्रजाति, प्रांतों और प्रदेश के लोगों की आवाज सुनी जाएगी, उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी। उन्होंने क्या-क्या कहा है, सुनिए उनके द्वारा ट्वीट किए गए इस वीडियो में:

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शाहरुख खान ने इस वीडियो में जो कुछ कहा है, उसे आप यहां पढ़ सकते हैं:

"देश का नया संसद भवन हमारी उम्मीदों का नया घर है। हमारे संविधान को संभालने वालों के लिए एक ऐसा घर जहां 140 करोड़ हिंदुस्तानी एक परिवार हैं। यह नया घर इतना बड़ा हो कि इसमें देश के हर प्रांत, प्रदेश, गांव, शहर, कोने-कोने के लिए जगह बन सके। इस घर की बाहें इतनी चौड़ी हों कि देश की हर जाति-प्रजाति, हर धर्म को प्यार कर सके। इसकी नजर इतनी गहरी हो कि देश के हर नागरिक को देख सके, जान सके। उनकी समस्याओं को पहचान सके। यहां सत्यमेव जयते का नारा, स्लोगन नहीं, विश्वास हो। यहां अशोक चक्र का हाथी, घोड़ा, शेर, खंभा, लोगों नहीं, हमारा इतिहास हो।

कहा जाता है कि किसी देश का संसद देश के लिए उतना ही अहम जितना कि शरीर के लिए आत्मा...मेरी विनम्र प्रार्थना है कि लोकतंत्र की आत्मा अपने नए घर में जीवंत रहे, और आने वाले युगों के लिए स्वतंत्रता, बंधुत्व और समानता को बढ़ावा देना जारी रहे। लोकतंत्र का यह नया घर एक नए युग का निर्माण करे जो अपने वैज्ञानिक स्वभाव और सभी के लिए सहानुभूति के लिए प्रसिद्ध हो। नए भारत के लिए एक संसद भवन नया है लेकिन इसके सपने वही हैं जो भारत के पुराने गौरव के साथ जुड़े हैं। जयहिंद"

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