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एम्स में बने विशेष कोर्ट में उन्नाव रेप पीड़िता का बयान दर्ज, आरोपी कुलदीप सेंगर की भी हुई पेशी

उन्नाव रेप पीड़िता की हालत देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एम्स ट्रॉमा सेंटर में विशेष कोर्ट स्थापित करने का आदेश दिया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान मामले के आरोपी पूर्व बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर को भी कोर्ट में पेश किया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थापित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में बुधवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का बयान दर्ज किया गया। विशेष न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने एम्स ट्रॉमा सेंटर में स्थापित कोर्ट में मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मामले के आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी तिहाड़ जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्नाव रेप पीड़िता का एम्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। शीर्ष अदालत के निर्देश पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर ही मामले की सुनवाई के लिए एम्स ट्रामा सेंटर मे विशेष कोर्ट स्थापित किया गया है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को अदालती कार्यवाही के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए थे।

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जुलाई में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक सड़क दुर्घटना में घायल हुई पीड़िता के बयान देने की स्थिति में आने पर जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने 7 सितंबर को जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश शर्मा ने गवाही पूरी होने तक बुधवार से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया है। विशेष अदालत ने यह भी कहा कि अदालत की सुनवाई बंद कमरे में होगी और बिना अनुमति कोई अन्य व्यक्ति कोर्ट में मौजूद नहीं रहेगा।

कोर्ट ने एम्स प्रशासन को परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी बंद रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पीड़िता की देखभाल के लिए एक अनुभवी नर्स को भी उपस्थित रखने का आग्रह किया है। कोर्ट ने गवाही और जिरह के दौरान आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह के लिए सिर्फ दो बचाव सहयोगियों को आने की अनुमति दी है।

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पिछले सप्ताह दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेपकांड मामले की सुनवाई जारी रखने के लिए एम्स में कोर्ट स्थापित करने का आदेश दिया था। इस सुविधा के कारण पीड़िता एम्स में ही अदालती कार्यवाही में शामिल हो सकेगी। कोर्ट ने आदेश में कहा, "दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 9(6) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए माननीय मुख्य न्यायाधीश और इस कोर्ट के न्यायाधीश खुशी के साथ यह घोषणा कर रहे हैं कि धर्मेश शर्मा तीस हजारी कोर्ट के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर में पीड़िता की गवाही दर्ज करेंगे।"

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यह कदम निचली अदालत के न्यायाधीश के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को फैसला लेने का निर्देश देने के कुछ घंटों बाद ही उठाया गया। निचली अदालत के न्यायाधीश ने उन्नाव मामले की विशेष सुनवाई एम्स में कराने का आग्रह किया था, जहां दुष्कर्म पीड़िता और उसका वकील इलाज करा रहे हैं। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट को निचली अदालत के न्यायाधीश की याचिका पर जल्द से जल्द हॉस्पिटल में कोर्ट स्थापित करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना की जांच के लिए दो सप्ताह का समय और बढ़ा दिया था।

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