कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भारी गिरावट आई है, जबकि घरेलू निवेशक ‘‘भय और अनिश्चितता’’ की चपेट में हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को आय को बढ़ाने, अपनी ‘‘मित्र पूंजीवाद और कर आतंक’’ नीतियों को समाप्त करने, जीएसटी का सरलीकरण करने और भारतीय उद्योगों को चीनी ‘डंपिंग’ से बचाने के लिए कदम उठाना चाहिए।
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उनका यह बयान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उस कथित टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ते सार्वजनिक व्यय के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहा है।
जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त मंत्री ने आखिरकार वही स्वीकार कर लिया है जो कांग्रेस लंबे समय से कहती आ रही थी। वो यह है कि निजी निवेश सुस्त बना हुआ है और वांछित और अपेक्षित गति से नहीं बढ़ रहा है।’’
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उनका कहना था कि यह सितंबर 2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पुनर्निर्वाचन के समर्थन में ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम से ठीक पहले की गई महत्वपूर्ण कॉरपोरेट कर कटौती के बाद भी है।
उन्होंने आगे कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में भारी गिरावट आई है, जबकि घरेलू निवेशक ‘‘भय और अनिश्चितता’’ की चपेट में हैं। इसका एक बड़ा कारण ‘‘कर आतंक और कुछ व्यावसायिक समूहों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां’’ हैं।
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