उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जगह सड़कें बंद पड़ी हैं, तो कहीं मलबा रास्ता रोक रहा है। इन्हीं हालात में बीएड की परीक्षा देने पहुंचे राजस्थान के चार छात्रों के सामने भी मुश्किल खड़ी हो गई। पिथौरागढ़ जाने के सारे रास्ते बंद थे, टैक्सी ड्राइवर ने भी हाथ खड़े कर दिए। पलभर में इनकी सालभर की मेहनत दांव पर लगती दिखी।
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छात्र उमरम जाट, मगराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और लकी चौधरी उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी से पढ़ाई कर रहे हैं। सोमवार को वे मुनस्यारी पहुंचे थे और बुधवार को उनकी परीक्षा थी। लेकिन सड़क से हल्द्वानी से मुनस्यारी की दूरी 280 किलोमीटर और करीब 10 घंटे की यात्रा थी, जो बंद रास्तों की वजह से असंभव हो चुकी थी। तभी किसी ने उन्हें हेरिटेज एविएशन की हेलीकॉप्टर सेवा के बारे में बताया। थोड़ी देर सोचा, फिर बड़ा फैसला लिया गया।
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छात्रों ने 10,400 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च कर हेलीकॉप्टर किराए पर लिया। हवा में 25-30 मिनट की उड़ान के बाद वे सीधा परीक्षा केंद्र पहुंच गए। उमरम ने कहा, “हमें लगा कि अब परीक्षा नहीं दे पाएंगे, लेकिन हेलीकॉप्टर ही आखिरी सहारा बना।" वहीं लकी चौधरी बोले, “यह महंगा था, लेकिन सुकून है कि साल बर्बाद नहीं हुआ।"
परीक्षा देकर छात्र अगले दिन उसी हेलीकॉप्टर से वापस भी लौट आए। चार युवाओं की यह जिद और मेहनत सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा का विषय बन गई। लोग कह रहे हैं कि जब पढ़ाई को लेकर इतनी लगन हो, तो रास्ते बंद होने पर भी आसमान खुल जाता है।
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