राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को निर्वाचन अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर रखने के लिए नोटिस भेजकर खुद की गलती के लिए उन्हें दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले सप्ताह भेजे गए नोटिस का एक अच्छा जवाब तैयार किया जा रहा है, जिससे उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘मुझे निर्वाचन आयोग से नहीं, बल्कि पटना जिला प्रशासन से नोटिस मिला है। एक अच्छा जवाब तैयार किया जा रहा है और जवाब मिलने पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचेगा। वे अपनी गलती के लिए मुझे दोषी ठहरा रहे हैं। अगर मेरे नाम पर दो ईपीआईसी नंबर जारी किए गए हैं तो यह किसकी गलती है? आखिरकार, मैं एक ही जगह से वोट डालता रहा हूं।’’
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पिछले सप्ताह तेजस्वी यादव ने एसआईआर के बाद जारी मसौदा मतदाता सूची में अपने ईपीआईसी नंबर को ऑनलाइन ढूंढने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम कोई रिकॉर्ड नहीं मिला आया। तेजस्वी ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत प्रकाशित मसौदा सूची में वरिष्ठ नौकरशाहों समेत कई लोगों के नाम काट दिए गए हैं। उन्होंने व्यापक स्तर पर की जा रही एसआईआर की कवायद की प्रभावशीलता पर गंभीर संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि यह राज्य में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी नीत एनडीए को मदद पहुंचाने का प्रयास है।’’
तेजस्वी यादव लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आवास पर ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले पटना हवाई अड्डा पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। तेजस्वी ने बैठक के बारे में कहा, ‘‘हमारे पास चर्चा के लिए कई मुद्दे हैं। देश कई संकटों का सामना कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के खिलाफ टैरिफ को लेकर एक आक्रामक रुख अपनाया है और नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर गहरी चुप्पी साधे हुए है।’’
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार माने जा रहे तेजस्वी ने इस बात को खारिज कर दिया कि एनडीए ने कुछ दिन पहले संसदीय दल की बैठक आयोजित कर बढ़त हासिल कर ली है। आरजेडी नेता ने कहा, ‘सीटों का बंटवारा संसद भवन के अंदर तय होने वाली चीज नहीं है।’
तेजस्वी ने विवादों में रहे पूर्व विधायक अनंत सिंह के इस दावे का भी माखौल उड़ाया कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू उन्हें तेजस्वी के खिलाफ मैदान में उतारती है, तो वह तेजस्वी की जमानत जब्त करवा देंगे। तेजस्वी ने कटाक्ष किया, ‘‘हमारी पार्टी के प्रवक्ता बंटू सिंह इस तरह की बात का जवाब देने के लिए सही व्यक्ति हैं।’’ बंटू सिंह गैंगस्टर से नेता बने अनंत सिंह के करीबी सहयोगी रह चुके हैं, जिन्होंने जेडीयू और आरजेडी के टिकट पर और बतौर निर्दलीय भी कई बार मोकामा का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया है।
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बता दें कि इससे पहले पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी के आरोपों का खंडन करते हुए मसौदा मतदाता सूची के एक हिस्से का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें उनके साथ-साथ उनके पिता और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के नाम और तस्वीरें भी देखी जा सकती थीं। हालांकि, तेजस्वी अपनी बात पर अड़े रहे और निर्वाचन अधिकारियों पर उनका ईपीआईसी नंबर बदलने का आरोप लगाया, जबकि एनडीए के नेताओं ने मांग की कि तेजस्वी के पास दो मतदाता पहचान पत्र होने के कारण उन पर मुकदमा चलाया जाए।
पटना के जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि उनके रिकॉर्ड में जो ईपीआईसी नंबर है, वह वही है जो विपक्ष के नेता ने 2020 के चुनावों में अपने हलफनामे में बताया था। इसके बाद, पटना सदर के अनुमंडल पदाधिकारी ने एक पत्र जारी कर आरजेडी नेता से उस मतदाता पहचान पत्र को गहन जांच के लिए सौंपने को कहा, जो ‘‘आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया था।’’ पटना सदर एसडीएम दीघा विधानसभा क्षेत्र के लिए निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी भी हैं, जहां तेजस्वी और उनके परिवार के सदस्य मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।
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