हालात

वो बहुत मुश्किल 30 मिनट जब इसरो के वैज्ञानिकों की चिंता और तनाव बढ़ती चली गई

भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में प्रवेश करने के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे। यह कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवान का।

फोटो: आईएएनएस
फोटो: आईएएनएस 

भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में प्रवेश करने के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे। यह कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवान का। इस महत्वपूर्ण चरण के तुरंत बाद सिवान ने आईएएनएस को बताया, "अभियान के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे। घड़ी की सुई के आगे बढ़ने के साथ-साथ तनाव और चिंता बढ़ती गई। चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करते ही अपार खुशी और राहत मिली।"

Published: 20 Aug 2019, 2:41 PM IST

उन्होंने कहा, "हम एक बार फिर चांद पर जा रहे हैं।" भारत का पहला चांद का मिशन चंद्रयान-1 साल 2008 में सम्पन्न किया गया था। इस मौके पर इसरो केंद्र पर लगभग 200 वैज्ञानिक तथा अन्य कर्मी इकट्ठे थे। यान के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के बाद अधिकारियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि पर एक-दूसरे को बधाइयां दीं। इसरो के एक अधिकारी के अनुसार, चंद्रयान-2 की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। सिवान ने कहा कि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान पर भी काम चल रहा है। इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करने का काम जारी है।

Published: 20 Aug 2019, 2:41 PM IST

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Published: 20 Aug 2019, 2:41 PM IST