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लोकसभा में नए ग्रामीण रोजगार विधेयक पर चर्चा पूरी, आधी रात तक चली बहस

रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (विकसित भारत - जी राम जी) विधेयक, 2025 पर बुधवार को आधी रात के बाद चर्चा संपन्न हुई। चर्चा में 98 सदस्यों ने भाग लिया। लोकसभा की कार्यवाही देर रात एक बजकर 35 मिनट पर स्थगित हुई।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

लोकसभा में बुधवार देर रात को नए ग्रामीण रोजगार विधेयक पर चर्चा पूरी हो गई। यह विधेयक 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) अधिनियम की जगह लेगा।

रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (विकसित भारत - जी राम जी) विधेयक, 2025 पर बुधवार को आधी रात के बाद चर्चा संपन्न हुई। चर्चा में 98 सदस्यों ने भाग लिया। लोकसभा की कार्यवाही देर रात एक बजकर 35 मिनट पर स्थगित हुई।

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ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान बृहस्पतिवार को इस चर्चा का जवाब देंगे। सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया था, जो मनरेगा के स्थान पर लाया गया है।

लोकसभा में दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर भी चर्चा होने की संभावना है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा चर्चा शुरू किए जाने की संभावना है। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद के. कनिमोई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद बांसुरी स्वराज ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।

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वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को कहा कि ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ ‘‘सबसे प्रतिगामी कानून’’ है जो ग्रामीण श्रमिकों और किसान परिवारों के साथ विश्वासघात करता है और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) द्वारा सुनिश्चित रोजगार के उनके वैधानिक अधिकार को छीन लेता है।

यहां जारी एक बयान में, किसान संघों के एक प्रमुख संगठन एसकेएम ने कहा कि मनरेगा को निरस्त करने के बजाय, केंद्र सरकार को शहरी क्षेत्रों में व्याप्त बेरोजगारी की समस्या से निपटने और रोजगार को एक वैधानिक अधिकार बनाने के लिए इसी तरह का कानून बनाना चाहिए।

सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया था, जो मनरेगा के स्थान पर लाया गया है।

एसकेएम ने पूरे भारत में श्रमिकों, किसानों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों से मनरेगा की रक्षा और उसे मजबूत करने के लिए आगे आने का आह्वान किया है।

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