
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बनारसी कारीगरों के दर्द का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका अस्तित्व खतरे में है वह उनके विषय को सड़क से लेकर संसद तक उठाएंगे। राहुल गांधी ने बनारसी कारीगरों के एक समूह से पिछले दिनों मुलाकात की थी। उन्होंने इस बातचीत का वीडियो बुधवार को जारी किया।
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राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सऐप चैनल पर पोस्ट किया, ‘‘कल मैंने संसद में बनारसी साड़ियों की खूबसूरती, उसकी संस्कृति और इतिहास के बारे में बात की, उनके धागों में ही हिन्दुस्तान की आत्मा गुथी हुई है। बनारसी सिल्क साड़ियां और बनारसी कढ़ाई का नाम लेते ही भारत की समृद्ध कला आंखों में उतर आती है। सदियों से चली आ रही यह परंपरा केवल कपड़ा नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता, हमारे त्योहारों और हमारे उत्सवों की पहचान है।’’
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उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले जन संसद में बनारस के कढ़ाई कारीगरों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई, उनका दर्द वही है जो भारत के करोड़ों छोटे कारीगरों, दस्तकारों और हुनरमंदों की आज की दास्तान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी शिकायत उस वक्त है और जब उनके सांसद खुद प्रधानमंत्री मोदी हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकारी उपेक्षा के शिकार ये कारीगर अपना परंपरागत काम छोड़ कर मजदूरी करने, रिक्शा चलाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बेरोजगारी बनारस की सबसे कड़वी सच्चाई बन चुकी है। खासकर युवाओं के लिए रोजगार के सारे अवसर खत्म हो गए हैं। मजबूरी में वो अपने शहर, अपना घर छोड़कर दूसरे राज्यों और शहरों में काम की तलाश में भटक रहे हैं।’’
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राहुल गांधी ने दावा किया कि सरकार कुछ चंद पूंजीपतियों को बढ़ावा देकर बाजार पर उनका ही एकाधिकार तैयार कर रही है और छोटे कारीगरों का व्यापार, उनका अस्तित्व, दोनों खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बार-बार कहा है, भारत को रोजगार और सम्मानजनक आजीविका देने के लिए "उत्पादन के लोकतांत्रिक मॉडल" जरूरी है। अगर यह मॉडल टूट गया, तो भारत के करोड़ों हुनरमंदों की ज़िंदगी के साथ-साथ हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था भी बर्बाद होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सड़क से संसद तक उनकी आवाज़ उठाता रहूंगा क्योंकि भारत का भविष्य उसके हुनरमंद और मेहनतकश लोगों से ही जुड़ा हुआ है।’’
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