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गाजीपुर में स्कूल का नाम फिर से वीर अब्दुल हमीद पर रखा गया, हटाने पर परिवार समेत लोगों ने किया था विरोध

यह वही स्कूल है जहां वीर अब्दुल हमीद ने कभी पढ़ाई की थी। इससे पहले स्कूल के मुख्य द्वार से वीर अब्दुल हमीद का नाम हटाए जाने पर परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों के साथ कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने विरोध जताया था।

गाजीपुर में स्कूल का नाम फिर से वीर अब्दुल हमीद पर रखा गया, हटाने पर परिवार समेत लोगों ने किया था विरोध
गाजीपुर में स्कूल का नाम फिर से वीर अब्दुल हमीद पर रखा गया, हटाने पर परिवार समेत लोगों ने किया था विरोध फोटोः वीडियोग्रैब

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक प्राथमिक विद्यालय के मुख्य द्वार से युद्ध नायक परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का नाम हटाने पर चौतरफा विरोध के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। खबर है कि विरोध को देखते हुए शिक्षा विभाग ने विद्यालय का नाम फिर से शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रख दिया है। यह वही स्कूल है जहां वीर हमीद ने कभी पढ़ाई की थी। इससे पहले स्कूल के मुख्य द्वार से वीर अब्दुल हमीद का नाम हटाए जाने पर परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों के साथ कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने विरोध जताया था।

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने स्कूल का नाम नाम फिर से शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर किये जाने की जानकारी देते हुए कहा कि गाजीपुर में परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद विद्यालय का नाम बदलने वाली ख़बर के बाद सोशल मीडिया पर चौतरफ़ा उठने वाली आवाज़ से मजबूर होकर शिक्षा विभाग ने विद्यालय का नाम फिर से शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रख दिया है। मैं लगातार परिजनों के सम्पर्क में हूँ, उनका कहना है कि ये घटना पूर्व में भी एक बार हो चुकी है, मेरी सरकार से मॉंग है कि बार बार एैसा करने वाले ज़िम्मेदारों पर कार्यवाही सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में भारत के वीर सपूतों की शहादत का कोई अपमान करने की हिमाक़त ना करे।

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इससे पहले हाल ही में रंगाई-पुताई के बाद जिले के धामूपुर गांव के स्कूल का नाम बदलकर ‘पीएम श्री कम्पोजिट विद्यालय’ कर दिया गया था। इससे आहत वीर हमीद के पोते जमील अहमद ने बताया कि चार दिन पहले ही स्कूल का रंगरोगन किया गया। उन्होंने बताया कि प्रवेश द्वार पर ‘शहीद हमीद विद्यालय’ के स्थान पर ‘पीएम श्री कम्पोजिट विद्यालय’ लिख दिया गया है।

जब अहमद और उसके परिवार ने प्रधानाध्यापक अजय कुशवाहा से इस विषय पर आपत्ति जताई तो उन्होंने युद्ध नायक के परिवार से बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव से संपर्क करने को कहा। परिवार के सदस्यों के अनुसार राव ने उन्हें बताया कि हमीद का नाम स्कूल की बाहरी दीवार पर लिख दिया गया है। परिवार ने दावा किया कि हालांकि, प्रवेश द्वार पर कोई बदलाव नहीं किया गया।

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हमीद के परिवार ने शनिवार को एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मांग की गई कि शहीद का नाम स्कूल के प्रवेश द्वार पर फिर से लिखा जाए। राव ने आश्वासन दिया कि ‘तत्काल’ ऐसा कर दिया जाएगा। अहमद ने दावा किया कि सोमवार तक प्रवेश द्वार पर नाम नहीं लिखा गया है जिससे उनका परिवार बेहद आहत है। हालांकि, देर शाम आई खबर के अनुसार, अधिकारियों ने स्कूल का नाम फिर से वीर हमीद के नाम पर कर दिया है।

वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को पैटन टैंक दिए थे, जिन्हें अजेय माना जाता था। हमीद ने बहादुरी परिचय देते हुए इनमें से तीन टैंकों को नष्ट कर दिया, जिससे दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। इस अदम्य साहस का परिचय देते हुए हमीद शहीद हो गए थे। उनकी इस वीरता पर राष्ट्रपति ने मरणोपरांत हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को परमवीर चक्र से सम्मानित किया था।

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