बिहार में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने हालात और खराब कर दिए हैं और नदियां खतरे के निशान को पार कर कई जिलों के गांवों में प्रवेश कर गई हैं। उफनती नदियां हैं- कोसी, कमला बालन, गंडक, बागमती और महानंदा।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, बागमती ने बेनीबाद में 65 सेंटीमीटर, जयनगर में कमला बालन नदी में 30 सेंटीमीटर और मधुबनी जिले के झंझारपुर में 51 सेंटीमीटर खतरे के निशान को पार कर लिया है।
सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से 134 सेंटीमीटर ऊपर और खगड़िया जिले के बलतारा में 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। किशनगंज के तैयबपुर और पूर्णिया जिले के ढेगरा घाट में महानंदा नदी उफान पर है। अररिया में परमान नदी खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
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चूंकि बिहार तराई इलाका है, इसलिए नेपाल में भारी बारिश के कारण भी इन नदियों में पानी जमा हो जाता है।
मौसम विभाग ने पिछले 24 घंटों में उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों में औसतन 50 सेमी बारिश दर्ज की है। वाल्मीकि नगर में 68 सेमी, चनपटिया में 90 सेमी, समस्तीपुर में 84 सेमी, रोसेरा में 70 सेमी, डुमरियाघाट में 91 सेमी, खगड़िया में 54 सेमी और बेनीबाद में 68 सेमी बारिश हुई।
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