एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एक अजीबोगरीब बात कही। उन्होंने राफेल डील पर बोलते हुए कहा कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस सौदे के तहत टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर और लाइसेंसी उत्पादन में शामिल थी और एचएएल को सौदे से बाहर रखे जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी।
Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच हुए इस सौदे में राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने भारतीय ऑफसेट कंपनी के तौर पर एचएएल की जगह रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को इस सौदे में शामिल कर लिया था। पिछले दिनों फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से यह खबर भी आई थी कि ऐसा मोदी सरकार के कहने पर किया गया था। इसे मुद्दे को लेकर देश में लगातार विवाद जारी है और मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं।
Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST
हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने यह भी कहा कि यह बहुत अच्छा एयरक्रॉफ्ट है और उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में काफी प्रभावशाली सिद्ध होगा।
Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST
एयर चीफ मार्शल ने यह भी स्वीकार किया कि सही मौके पर भारतीय वायुसेना को इस लेकर संपर्क किया गया था और वायुसेना ने कुछ विकल्प दिए थे। किसे चुनना है यह सरकार पर निर्भर करता है।
Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर किस आधार पर बीएस धनोआ यह कह रहे हैं कि सौदे से एचएएल को बाहर रखने का सवाल ही उठता, जबकि सामने आए तथ्यों के हिसाब से एचएएल अब इस सौदे का हिस्सा नहीं है।
Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST
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Published: 03 Oct 2018, 1:20 PM IST