रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ऐलान के बाद युद्ध का खतरा गहरा गया है। पुतिन ने रूसी सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद यूक्रेन के दो प्रांतों - डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया। साथ ही कहा कि इन दोनों प्रांतों में शांति बनाए रखने के लिए रूसी सेना भेजी जाएगी और अलगावादियों की मदद की जाएगी। पुतिन के इस ऐलान से पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। यूरोपीय देशों, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस और यूक्रेन के इन दोनों क्षेत्रों पर सख्त प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी जारी कर दी है। अमेरिका ने तो इन दोनों शहरों के लोगों की संपत्तियों को फ्रीज करने का आदेश भी जारी कर दिया है।
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आखिर डोनेत्स्क और लुहांस्क इन दोनों क्षेत्रों की रूस और यूक्रेन के लिए क्या अहमियत है और क्यों रूस ने इन दोनों शहरों को स्वतंत्र गणतंत्र के रूप में मान्यता दी है? सवाल यह भी है कि आखिर रूस द्वारा इन शहरों को मान्यता देने से पश्चिम देश परेशान क्यों है।
दरअसल डोनेत्स्क रूस की सीमा से लगा हुआ एक औद्योगिक शहर है। एक जमाने में इसकी गिनती यूक्रेन के सबसे औद्योगिक शहरों में शामिल थी। इस इलाके में भारी मात्रा में कई खनिज पाए जाते हैं। और इस शहर को यूक्रेन के बड़े स्टील उत्पादक केंद्रों में माना जाता है। करीब 20 लाख आबादी वाला डोनेत्स्क काफी समय से अशांत है। इसके अलावा लुहांस्क को भी औद्योगिक शहर माना जा सकता है। वैसे यहां कोयले का बड़ा भंडार है। लुहांस्क को पहले वोरोशिलोवग्राद के नाम से जाना जाता था। यह शहर भी उसी प्रांत का हिस्सा है जिसमें डोनेत्स्क शामिल है। इस शहर की सीमा भी रूस से लगी हुई है। साथ ही उत्तरा हिस्सा ब्लैक सी से मिलता है।
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असल में इन दोनों शहरों की बड़ी आबादी आज भी रुसी भाषा ही बोलती है और खुद को रूस के ज्यादा नजदीक पाती है। सोवियत संघ टूटने के बाद इन दोनों शहरों को यूक्रेन के डोनबास शहर में शामिल किया गया था। रूस का कहना है कि यूक्रेन ने राष्ट्रवादी नीतियां लागू की हैं जिन्हें यहां के लोग पसंद नहीं करते हैं।
इन दोनों शहरों में लंबे समय से रूस समर्थक अलगाववादियों ने यूक्रेन सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। विद्रोहियों ने अपने तौर पर इन दोनों शहरों को गणतंत्र भी घोषित किया है और उन्हें स्वतंत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए पुतिन ने देर रात अलगाववादियों को समर्थन देते हुए इन दोनों क्षेत्रों में अपने सैनिकों को मदद के लिए भेजने का आदेश दिया है।
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