तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों को लोकसभा चुनाव होने तक टीएमसी समेत बीजेपी के अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों के उम्मीदवारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने पर अविलंब रोक लगाए।
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टीएमसी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें डेरेक ओ'ब्रायन, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष शामिल थे, ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और विपक्षी दलों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
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उन्होंने निर्वाचन आयोग से लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ईडी, सीबीआई, आईटी विभाग और एनआईए के निदेशकों को स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया। टीएमसी नेताओं ने उन घटनाओं का हवाला दिया जहां केंद्रीय एजेंसियों ने उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की है।
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साकेत गोखले ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘कल हर एक विपक्षी दल सहमत था और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की रैली में एक प्रस्ताव पारित किया गया था कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अभूतपूर्व और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। हमने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाइयों में वृद्धि देखी है।’’
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इस सूची में महुआ मोइत्रा के कार्यालय पर सीबीआई का छापा और उनके तथा चंद्रनाथ सिन्हा (पश्चिम बंगाल में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम तथा वस्त्र के प्रभारी मंत्र) के खिलाफ ईडी के समन, कोलकाता नगर निगम की पार्षद जुई बिस्वास के खिलाफ आयकर छापा और पश्चिम बंगाल में एनआईए द्वारा कई टीएमसी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का जिक्र है।
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