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उदयनिधि ने केंद्र पर अल्पसंख्यक वोटर्स को निशाना बनाने का लगाया आरोप, कहा- ऐसी चाल तमिलनाडु में सफल नहीं होंगी

उदयनिधि ने कहा कि भले ही ऐसी चालें बिहार या मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों में काम कर जाएं, लेकिन तमिलनाडु में वे सफल नहीं होंगी। हो सकता है कि आप उत्तर में जीत जाएं, लेकिन तमिलनाडु में आपकी योजनाएं कभी सफल नहीं होंगी।

उदयनिधि ने केंद्र पर अल्पसंख्यक वोटर्स को निशाना बनाने का लगाया आरोप, कहा- ऐसी चाल तमिलनाडु में सफल नहीं होंगी
उदयनिधि ने केंद्र पर अल्पसंख्यक वोटर्स को निशाना बनाने का लगाया आरोप, कहा- ऐसी चाल तमिलनाडु में सफल नहीं होंगी फोटोः IANS

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर एसआईआर का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, दलितों और मुसलमानों के वोट हटाने के लिए एक हथियार के तौर पर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर अभियान के कारण पूरे राज्य में बड़ी संख्या में वोटर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

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चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उदयनिधि ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की पहले दी गई चेतावनी को दोहराया कि एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, दलितों और मुसलमानों के वोट हटाने के लिए एक हथियार के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, "यह सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है। यह कमजोर समुदायों को वोट के अधिकार से वंचित करने की जानबूझकर की गई कोशिश है।"

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उदयनिधि के अनुसार, अकेले तमिलनाडु में ही वोटर लिस्ट से लगभग 97 लाख नाम हटा दिए गए हैं, जिसमें चेन्नई में लगभग 14 लाख नाम हटाए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से तुरंत यह जांच करने का आग्रह किया कि क्या उनके नाम अभी भी चुनावी सूची में हैं। सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन करेगी जिसका नाम गायब है।

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उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर 'दिल्ली से बनाई गई बाहरी रणनीतियों' के जरिए तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। शाह के इस दावे का जिक्र करते हुए कि बीजेपी ने बिहार चुनावों में जीत हासिल की है और अब तमिलनाडु को निशाना बना रही है, उदयनिधि ने कहा कि ऐसे बयान लोगों को डराने के लिए दिए गए हैं।

उदयनिधि ने आगे कहा कि भले ही ऐसी चालें बिहार या मध्य प्रदेश जैसे उत्तरी राज्यों में काम कर जाएं, लेकिन तमिलनाडु में वे सफल नहीं होंगी। हो सकता है कि आप उत्तर में जीत जाएं, लेकिन तमिलनाडु में आपकी योजनाएं कभी सफल नहीं होंगी। राज्य के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं और धमकियों से डरेंगे नहीं।

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उदयनिधि ने नागरिकों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने और अपने वोट के अधिकार की पुष्टि करने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "सभी को व्यक्तिगत रूप से जांच करनी चाहिए कि उनके वोट सुरक्षित हैं या नहीं। अगर आपका नाम हटा दिया गया है, तो कृपया तुरंत दोबारा रजिस्ट्रेशन कराएं। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी।" उन्होंने आश्वासन दिया कि डीएमके प्रभावित मतदाताओं को पूरा समर्थन देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में मार्गदर्शन मिले।

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