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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप खुद एक डायनामाइट हैं, वाटरगेट खुलासा करने वाले वुडवर्ड की नई किताब में दावा

बाॅब वुडवर्ड ने अमेरिका के नौ राष्ट्रपतियों से जुड़े तथ्यों को खंगाला है। ‘रेज’ उनकी 20वीं किताब है। इस किताब का अमेरिका के मतदाताओं और उसके चुनाव पर चाहे जो भी प्रभाव पड़े लेकिन यह विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति को लेकर बहुत ही खास अंदरूनी जानकारी देती है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

इसी हफ्ते अमरिका में प्रकाशित हुई बॉब वुडवर की पुस्तक ‘रेज’ क्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुर्सी से उसी तरह बाहर कर देगी जिस तरह वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन की वाटरगेट स्कैंडल पर ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के लिए की गई रिपोर्ट ने तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था? फिलहाल इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से मात्र सात हफ्ते पहले बाजार में आई इस पुस्तक को लेकर समीक्षक आश्वस्त नहीं कि क्या यह किताब इतनी घातक सिद्ध होगी कि वह ट्रंप के समर्थकों को उखाड़ सके। हालांकि, वुडवर्ड इस किताब के अंत में ट्रंप को लेकर अपनी टिप्पणी में यह जरूर कहते हैं कि वह इस काम (राष्ट्रपति के रूप में) के लिए गलत व्यक्ति हैंः “अगर राष्ट्रपति के रूप में उनके काम को समग्र रूप में देखें तो मैं एक ही निर्णय पर पहुंचता हूं कि ट्रंप इस काम के लिए एक गलत व्यक्ति हैं।”

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वुडवर्ड इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई के बीच ट्रंप से 18 बार मिले और उन्होंने उनके साथ नौ घंटे की बातचीत को रिकॉर्ड किया। जहां एक तरफ राष्ट्रपति के सहयोगियों ने उन्हें वुडवर्ड से बात नहीं करने की सलाह दी थी, वहीं ट्रंप को पूरा विश्वास था कि वाशिंगटन डीसी में गहरी पैठ रखने वाले 77 वर्षीय तजुर्बेकार वुडवर्ड को वह अपनी बातों से प्रभावित करने में सफल रहेंगे। ट्रंप अब इस किताब को ‘फेक’ बता रहे हैं और इसे ऐसे खारिज कर रहे हैं, जैसे इसकी कोई अहमियत ही न हो।

बॉब वुडवर्ड ने नौ राष्ट्रपतियों से संबंधित तथ्यों को खंगाला है। ‘रेज’ उनकी बीसवीं किताब है। इस किताब का अमेरिका के मतदाताओं और उसके चुनाव पर चाहे जो भी प्रभाव पड़े, लेकिन यह विश्व के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण अंदरूनी जानकारी देती है और अमेरिका के राष्ट्रपति के ऐसे बहुत सारे पक्षों की पुनः पुष्टि करती है, जिन्हें अन्य लोगों ने भी देखा है।

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ट्रंप के दामाद को उद्धृत करते हुए वुडवर्ड बताते हैं कि राष्ट्रपति का ये मानना है कि अतिशयोक्ति (झूठ) संचार का एक प्रभावशाली औजार है। यह किताब नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व डायरेक्टर को उद्धृत करते हुए कहती है कि ट्रंप किसी-न-किसी प्रकार से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘प्रभाव’ में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में यह आम धारणा है कि वह आत्ममुग्ध व्यक्ति हैं, उनमें बचपना है और वह चाटुकारिता के प्रभाव में आ जाते हैं।

वुडवर्ड भी ट्रंप के ऐसे ही व्यक्तित्व की पुष्टि करते हैं। ट्रंप ने वुडवर्ड को उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग द्वारा उन्हें लिखे पत्र दिखाए। उत्तर कोरिया के नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पत्र में लिखा था: “हमारी मुलाकातें, हमारा संबंध, एक काल्पनिक फिल्म से बाहर है... हमारे बीच एक जादुई ताकत है... आज भी, मैं इतिहास में अंकित उस क्षण को नहीं भूल सकता, जब मैंने योर एक्स्लेन्सी (महामहिम) आपका हाथ पूरी मजबूती के साथ पकड़ा था और जब हमें सारा संसार देख रहा था।”

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साक्षात्कारकर्ताओं को वुडवर्ड ने बताया कि ये सारे पत्र सीआईए के विश्लेषकों द्वारा जांचे गए हैं और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ये पत्र जिस प्रकार मिथ्याभिमान और राष्ट्रपति के भव्यता के भाव की ओर ध्यान खींचते हैं, ये मास्टरपीस हैं- यह व्यवहार उस व्यवहार से अलग नहीं है जो भारत के प्रधानमंत्री अपने ‘फ्रेंड डोलान’ के साथ करते हैं। ट्रंप ने डींगे मारते हुए कहा कि किम “मुझे सब बताते हैं... उन्होंने अपने अंकल की हत्या की और उनकी लाश को उन सीढ़ियों के नीचे दबाया जिनके ऊपर से सीनेटर चलकर जाते हैं। और उनका सिर काट दिया गया था जो पेटी पर रखा हुआ था...।”

लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह यह स्वीकार करते हैं कि उनकी तानाशाहों और शक्तिशाली व्यक्तियों के साथ बहुत अच्छी पटती है और वह ऐसे लोगों के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत शान से बोलते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति के विषय में ट्रंप ने कहाः “एर्दोगन के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं... सब कहते हैं, ‘कितना भयंकर आदमी है’ लेकिन मेरी तो उससे पटती है। यह कितना मजेदार है कि मेरे संबंध उन लोगों से और अधिक अच्छे होते हैं जो जितने कठोर और घटिया होते हैं। कभी मुझे इसके बारे में समझाएं। लेकिन शायद यह कोई बुरी बात तो नहीं है।”

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ट्रंप घमंड के साथ कहते हैं कि वह ट्विटर और फेसबुक पर नंबर वन हैं। इस पर वुडवर्ड रिपोर्ट पेश करते हैं कि, वास्तव में, ट्रंप लोकप्रियता के मामले में ट्विटर पर नौवें स्थान पर हैं और फेसबुक पर कई दर्जन लोगों से आगे हैं। नीचे कुछ ऐसे बयान लिखे हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ने किताब में दिए हैं और जो आजकल सोशल मीडिया पर बहुत अधिक चर्चित हो रहे हैं: “मैं नहीं समझता कि ओबामा बहुत स्मार्ट हैं ... देखो, मैं बेहतरीन स्कूल में गया, मैंने वहां बहुत अच्छा प्रदर्शन किया... आप जानते हो सब इलिट की बात करते हैं... उनके पास बहुत अच्छे घर होते हैं। नहीं, मेरे पास उनसे ज्यादा अच्छा घर है, मेरे पास सब कुछ उनसे अच्छा है, और एजुकेशन भी।”

ट्रंप को जनवरी में ही पता चल गया था कि कोरोनो वायरस फ्लू से ज्यादा घातक है और यह हवा से फैलता है। उन्हें यह भी पता था कि इससे न केवल बुजुर्ग मर सकते हैं, बल्कि जवान लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। फिर भी उन्होंने लोगों को कहा कि सब ठीक ठाक है और यह विषाणु, यूं ही गायब हो जाएगा- और, अभी भी, वह अपने हजारों समर्थकों को प्रेरित करते हैं कि वे खचाखच भरी हुई रैलियों में भी बिना मास्क के शामिल हों।

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उन्होंने ये भी दावा किया कि उन्होंने ही सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अमेरिकी कांग्रेस की जांच से बचाया है जो सऊदी से असंतष्टु जमाल खशोगी की इस्तांबुल में की गई हत्या को लेकर जांच कर रही थी।

वुडवर्ड ने सीबीएस को बताया कि ट्रंप ने उनसे कहा था, ‘जब आप एक राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत होते हैं तो मानें कि दरवाजे के पीछे हमेशा डायनामाइट होता है।’ वुडवर्ड आगे जोड़ते हैं कि, “असली डायनामाइट तो खुद राष्ट्रपति ट्रंप हैं। वही डायनामाइट हैं।”

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