बहुचर्चित हिंदी फिल्म 'नायक' तो आप सभी को याद ही होगा। फिल्म में एक दिन के मुख्यमंत्री अनिल कपूर ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कानून का राज कायम किया था। ठीक उसी तरह का नजारा मंगलवार को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टूंडला कस्बे में देखने को मिला, जब शहर की यातायात अव्यवस्था की फरियाद लेकर पहुंचे युवक को ही एसएसपी ने ट्रैफिक सुधारने की चुनौती देते हुए दो घंटे का 'ट्रैफिक सीओ' बना दिया।
दरअसल हुआ कुछ यूं कि मंगलवार को टूंडला तहसील परिसर में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में अलाबलपुर का एक युवक सोनू चौहान अक्सर सड़क पर लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने की फरियाद लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के समक्ष हाजिर हुआ। उसने एसएसपी के सामने बताया कि शहर में आड़ा-तिरछा खड़े रहने वाले वाहनों की वजह से जाम लगता है। जिसकी वजह से एंबुलेंस तक नहीं गुजर पाती।
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इस पर एक तरह से चुनौती देते हुए एसएसपी सचिंद्र पटेल ने उल्टा सोनू से ही सवाल दाग दिया कि अगर ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी तुम्हें दे दी जाए तो तुम क्या करोगे? इस पर फरियादी सोनू ने पहले तो अपने सुझाव दिए और फिर कहा कि, "मैं एक दिन में व्यवस्था दुरुस्त कर दूंगा।" उसका इतना कहना था कि एसएसपी ने उसे तुरंत दो घंटे का 'ट्रैफिक सीओ' नियुक्त कर दिया और मातहतों को दो घंटे तक युवक के सभी आदेश मानने का हुक्म सुना दिया।
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इस मौके को चुनौती की तरह लेते हुए सोनू चौहान पुलिस की जीप में बतौर यातायात उपाधीक्षक (सीओ) सवार हुआ और कोतवाल तथा अन्य उपनिरीक्षकों के साथ शहर के सुभाष चौराहा पर पहुंचकर उसने फिल्म 'नायक' के एक दिन के सीएम की तरह ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी। सबसे पहले उसने आगरा से एटा जाने वाली बसों को सड़क से बस स्टैंड के अंदर करवाया और दोनों ओर लगे ठेलों और रेहड़ियों को व्यवस्थित कर दो घंटे में ही चरमराई यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर दिया। इस बीच यातायात नियम तोड़ने वाले आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों का चालान भी काटा गया।
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एक आम आदमी की इस कार्यकुशलता को देखकर फिरोजाबाद पुलिस हतप्रभ रह गई। बाद में युवक एसएसपी सचिंद्र पटेल ने भी माना कि सोनू ने दो घंटे में वह कर दिखाया, जो हमारी यातायात पुलिस नहीं कर पाई। अब पुलिस में सोनू की कार्यक्षमता की छाप उतारी जाएगी और उससे मिले तजुर्बे के अनुसार यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखी जाएगी। इस बारे में सोनू का कहना है कि अपने दो घंटे के कार्यकाल में उसने यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाया है, और अगर पुलिस नियमों को ईमानदारी से लागू करे तो जाम लगने का सवाल ही नहीं उठता।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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