उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक के खिलाफ कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रदेश की धामी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा और पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने घेराव के लिए नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च भी किया।
हालांकि, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास से पहले रास्ते में ही रोक लिया। इसके विरोध में बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस करन माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह, विधायक काजी निजामुद्दीन सहित कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन में भाग लिया और गिरफ्तारी दी।
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कांग्रेस का यह प्रदर्शन पेपर लीक मामले की उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने सहित अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर था। कांग्रेस की दो अन्य मांगों में यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष गणेश सिंह मार्तोलिया को हटाना और 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द कर उसकी नई तारीख घोषित करना शामिल है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जब तक तीनों मांगें पूरी नहीं की जातीं तब तक पार्टी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। कांग्रेस का यह मार्च 29 सितंबर को युवाओं द्वारा अपना धरना 10 अक्टूबर तक स्थगित करने के बाद सामने आया है।
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प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस मामले में सीबीआई की जांच अभी हुई नहीं है। आयोग खुद यह कह रहा है कि कुछ हुआ ही नहीं। हां, इतना जरूर हुआ है कि एक परीक्षा जो होने वाली थी, उसे टाल दिया गया है। सवाल सिर्फ पेपर लीक का नहीं है, सवाल बढ़ते भ्रष्टाचार और चरम पर पहुंची बेरोजगारी का है। जनता, खासकर युवाओं में आक्रोश है और उसी आक्रोश को आवाज देने के लिए हम सब यहां इकट्ठा हुए हैं।
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प्रदेश सरकार के रोजगार देने के दावों को झूठा बताते हुए हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि यहां के लोगों को तो रोजगार दिया नहीं है। शायद सरकार ने किसी और ग्रह पर रोजगार दिया होगा। उत्तराखंड में बेरोजगारी चरम पर है। देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर यहीं पर है। वहीं, उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव की संदिग्ध मौत को लेकर भी पूर्व सीएम ने सरकार पर सवाल खड़े किए। हरीश रावत ने कहा कि एक मां-बाप का बेटा छीना गया है, एक बेटी का सिंदूर मिटा है। राजीव निर्भिक पत्रकार था। जांच शुरू होने से पहले ही केस को एक्सीडेंटल घोषित कर दिया गया। सरकार को हर वह जांच करानी चाहिए, जिसकी मांग पत्रकार का परिवार कर रहा है। आखिरकार एक इंसान की जान गई है।
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कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी, भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों पर सिर्फ लीपापोती कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता और उदासीन रवैये के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष सड़क से लेकर विधानसभा तक जारी रहेगा।
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