उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना के बाद इलाके में चारों तबाही का मंजर है। बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लगातार बारिश और बाढ़ की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-34 (उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग) कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है। पपड़गाड़ में 100 मीटर लंबा सड़क हिस्सा पूरी तरह बह गया है, जबकि धराली के पास भारी मलबा जमा हो गया है।
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सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीमें मूसलधार बारिश, कीचड़ और खराब मौसम के बावजूद बहाल करने के कार्य में जुटी हैं। स्लश और टूटे हुए मार्ग की वजह से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित है। BRO के अनुसार, जल्द से जल्द सड़क सेवा बहाल करने का लक्ष्य है ताकि राहत सामग्री और बचाव दल आसानी से पहुंच सके।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया, "लगभग 10 DSP, 3 SP और 160 पुलिसकर्मी राहत कार्य में लगे हैं। सेना के हेलीकॉप्टर तैयार हैं और मौसम साफ होते ही उनका उपयोग किया जाएगा। डॉक्टरों की टीम और खाद्य सामग्री भी तैयार है।"
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मुख्यमंत्री ने बताया कि धराली गांव में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह बंद है, जिससे संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। वहीं, बिजली बहाली का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।
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सेना, आईटीबीपी (ITBP), एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की संयुक्त टीमों ने अब तक 130 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। प्रशासन का कहना है कि कोई जानहानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शहीदी ने कहा, "करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। जहां तक जानकारी है, चार लोग मृत पाए गए हैं और 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। हम अभी भी स्थानीय प्रशासन से पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं। एनडीआरएफ की तीन टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।"
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बादल फटने से उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो गया है। भटवाड़ी के पास सड़क पूरी तरह बह चुकी है, जिससे धराली की दूरी और मुश्किल हो गई है।
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