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पीएम मोदी के दौरे के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, चूड़ाचांदपुर में कुकी नेता के घर को लगाई आग

अधिकारियों ने दावा किया कि ‘कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन’ (केएनओ) के नेता कैल्विन ऐखेनथांग के आवास को रविवार देर रात आग लगा दी गई। केएनओ ने केंद्र के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

पीएम मोदी के दौरे के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, चूड़ाचांदपुर में कुकी नेता के घर को लगाई आग
पीएम मोदी के दौरे के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, चूड़ाचांदपुर में कुकी नेता के घर को लगाई आग फोटोः सोशल मीडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर का दौरा करने के सिर्फ एक दिन बाद ही राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। पीएम मोदी ने जिस चूड़ाचांदपुर जिले का दौरा किया था वहीं रविवार की रात एक कुकी नेता के आवास को भीड़ द्वारा आग लगा दिए जाने की खबर है। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया है। वहीं एक अन्य नेता के घर को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया लेकिन लोगों के हस्तक्षेप करने से घर को आग लगाए जाने से बचा लिया गया।

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अधिकारियों ने दावा किया कि ‘कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन’ (केएनओ) के नेता कैल्विन ऐखेनथांग के आवास को रविवार देर रात आग लगा दी गई। केएनओ ने केंद्र के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि चूड़ाचांदपुर के स्थानीय लोगों के एक वर्ग ने शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का दावा किया है।

वहीं अधिकारियों ने बताया कि ‘कुकी जो काउंसिल’ (केजेडसी) और स्वदेशी जनजातीय नेताओं के फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग के आवास को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया लेकिन स्थानीय लोगों के समय पर हस्तक्षेप करने से घर को आग लगाए जाने से बचा लिया गया। पीएम के दौरे के महज एक दिन बाद ही कुकी नेताओं के घर में आग लगाने की घटनाओं ने एक बार फिर दो साल से अशांत राज्य में तनाव को नए सिरे से भड़का दिया है।

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कुकी-जो समुदाय के दो प्रमुख संगठनों ने चार सितंबर को केंद्र के साथ पुनः बातचीत की शर्तों पर एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत वे मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, नामित शिविरों को संवेदनशील क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने और राज्य में स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए समाधान की दिशा में काम करने पर सहमत हुए थे।

अधिकारियों ने कहा कि केएनओ और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर से अशांत राज्य में शांति प्रयासों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा नागरिक समाज समूह केजेडसी ने यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं के लाने और ले जाने के लिए मणिपुर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को खोलने का निर्णय लिया था।

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हालांकि केजेडसी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसने ‘एनएच-2 को पुनः खोलने की घोषणा नहीं की है’ और ‘इस मार्ग पर किसी भी प्रकार की मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है।’ एक बयान में परिषद ने कहा, ‘‘हमारा अनुरोध केवल कांगपोकपी जिले के लोगों से था कि वे गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एनएच-2 पर यात्रियों की सुरक्षा बनाए रखने में सुरक्षा बलों को सहयोग प्रदान करें।’’

केजेडसी ने दावा किया कि केंद्र के बयान की ‘गलत व्याख्या’ की गई है और इससे ‘अनावश्यक भ्रम’ पैदा हुआ है। परिषद ने कहा, ‘‘मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच संघर्ष का अब तक कोई समाधान या सहमति नहीं हो पाने के कारण किसी भी पक्ष का कोई भी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में संबंधित क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकता।’’

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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