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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, दो समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच हुई गोलीबारी

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौत्रुक के ग्रामीण स्वयंसेवकों ने भी गोलीबारी की। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए इलाके में सुरक्षाकर्मियों को भेजा जा रहा है। अंतिम रिपोर्ट मिलने तक दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी थी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित इंफाल पश्चिम जिले में दो समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच रविवार सुबह गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब कांगपोकपी जिले में पड़ोसी पर्वतीय क्षेत्र से कई हथियारबंद लोगों ने इंफाल घाटी की परिधि में कौत्रुक गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की।

उन्होंने बताया कि कुछ गोलियों से ग्रामीणों के मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त होने की खबरे हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को नजदीकी सुरक्षित इलाकों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव पर स्थानीय रूप से निर्मित मोर्टार के गोले ‘पम्पी’ दागे जा रहे हैं जिससे ग्रामीणों में डर पैदा हो गया है।

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पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौत्रुक के ग्रामीण स्वयंसेवकों ने भी गोलीबारी की। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए इलाके में सुरक्षाकर्मियों को भेजा जा रहा है। अंतिम रिपोर्ट मिलने तक दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी थी।

मणिपुर में पिछले साल तीन मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से कौत्रुक गांव में दो संघर्षरत समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी की खबरें आती रही हैं। इसे बंदूक हमले के लिए सबसे संवदेनशील स्थानों में से एक के रूप में चिह्नित किया गया है।

इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पड़ोसी पर्वतीय क्षेत्र में रहने वाले कुकी के बीच पिछले साल तीन मई से जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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