भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि साल 2011 में आयोजित हुआ विश्व कप उनके करियर का सबसे शानदार अनुभव था। कोहली ने ई-मेल इंटरव्यू में आईएएनएस के साथ अपने करियर से जुड़ी कई चीजों के बारे में चर्चा की।
पद्मश्री से सम्मानित कोहली ने कहा, "साल 2011 में विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा होने का पल मैं हमेशा याद रखूंगा। यह एक शानदार अनुभव था।" कोहली ने 19 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में कदम रखा था। उन्होंने कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व करना हमेशा से उनका सपना रहा था। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कोहली ने कहा कि वह क्रिकेट दौरे के दौरान अपना दिल और दिमाग मैच पर ही रखते हैं।
उन्होंने कहा, "फिटनेस और कौशल के लिए नियमित प्रशिक्षण की जरूरत होती है।" घरेलू क्रिकेट से शुरुआत कर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बनने तक का सफर तय करने के बारे में कोहली ने कहा, "यह सफर बेहद शानदार रहा है। मैं एक सामान्य पृष्ठभूमि से निकलकर आया हुआ खिलाड़ी हूं। मेरे इस सफर की शुरुआत पश्चिमी दिल्ली से हुई थी।"
कोहली ने कहा, "सफलता का मार्ग कभी भी सरल नहीं होता और मैंने इस सफर में चुनौतियों का सामना करना सीखा है। मैं जूनियर क्रिकेट से रणजी में आया और फिर भारतीय टीम में प्रवेश किया।" उन्होंने कहा, "शुरुआत से ही मेरा लक्ष्य देश के लिए खेलना रहा है और मुझे इसमें काफी गर्व महसूस हुआ। क्रिकेट पिच पर खड़े होना और अपने देशवासियों को आपके लिए तालियां बजाते देखना एक सुखद अहसास है। मैं हर पल का आनंद लेता हूं।"
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साल 2013 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुए कोहली ने महेंद्र सिंह धौनी, सचिन तेंदुलकर और कपिल देव की तरह उनके जीवन पर फिल्म बनाए जाने की योजना के बारे में कहा, "मैंने इस बारे में सोचा नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता भी है, तो मेरा मानना है कि यह बायोपिक की तुलना में मेरे जीवन की वास्तविकता अधिक होगी।"
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