आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब भारत मजबूत स्थिति में था, तो फिर पीएम मोदी सीजफायर के लिए कैसे मान गए?
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'आप' नेता मनीष सिसोदिया ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "पहलगाम आतंकी हमले की जड़ जिस तरीके से पाकिस्तान से निकलकर आ रही थी, उससे पूरा देश गुस्से में था। भारतीय सेना ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्वक चलाकर आतंकवादियों के अड्डे समाप्त किए, उससे पूरा देश एक सुकून महसूस कर रहा था। उसके बाद भारतीय सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी। पाकिस्तान के हथियारों को हवा में नष्ट कर रही थी। भारतीय सेना मजबूत स्थिति में थी। पूरा विपक्ष, सरकार के साथ खड़ा था। फिर अचानक सीजफायर की घोषणा हुई, उस समय देश के मन में कई सवाल उठे। उस समय से अब तक देश में कई सारे सवाल उमड़ रहे हैं। सोमवार शाम पीएम मोदी ने जब देश के नाम संबोधन दिया, तो पूरे देश को उम्मीद थी कि अचानक हुए सीजफायर पर प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"
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सिसोदिया ने कहा, "पाकिस्तान एक आतंकी देश है और उसे जवाब देना जरूरी था। ऐसे में जब भारतीय सेना उसे जवाब दे रही थी, तो उस समय पूरा देश साथ खड़ा था और दुआएं कर रहा था। केंद्र सरकार ने बताया कि उनकी आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा था, इसके बाद परिणामस्वरूप गुहार लगा रहा था, तब हमने विचार किया। तो, मेरा सवाल है कि आतंकवादी देश के सामने भारत सरकार ने कैसे विचार किया?"
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'आप' नेता ने कहा, "जब हमारी सेना को बढ़त थी। पाकिस्तान को झुकना और पीछे हटना चाहिए था। पहलगाम के आतंकियों को हमें सौंपना चाहिए था। लेकिन, भारत सरकार ने कहा कि पाकिस्तान ने आकर हाथ जोड़े तो हमने सीजफायर कर लिया। भारत सरकार इस पर क्यों मान गई।"
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