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संदेशखाली में रेप के झूठे केस दर्ज कराने के लिए महिलाओं को छला गया! ताजा वीडियो से BJP पर उठे सवाल

तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को को कथित तौर पर संदेशखाली की निवासी कुछ महिलाओं के कई वीडियो साझा किये, जिसमें उन लोगों ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उन्हें ‘झूठे बलात्कार के मामले’ दर्ज कराने के लिए उनके साथ ‘छल’ किया और हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल किया।

संदेशखाली में रेप के झूठे केस दर्ज कराने के लिए महिलाओं को छला गया! ताजा वीडियो से BJP पर उठे सवाल
संदेशखाली में रेप के झूठे केस दर्ज कराने के लिए महिलाओं को छला गया! ताजा वीडियो से BJP पर उठे सवाल फोटोः सोशल मीडिया

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित संदेशखाली घटना के संबंध में एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें दावा किया गया है कि बीजेपी की एक स्थानीय महिला नेता ने कई महिलाओं से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए और बाद में सत्तारूढ़ टीएमसी नेताओं के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने में उसका इस्तेमाल किया गया। इन वीडियो को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल ने बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।

इससे तीन दिन पहले तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर संदेशखाली ‘स्टिंग ऑपरेशन’ नाम से एक वीडियो को साझा किया था, जिसमें एक स्थानीय बीजेपी नेता गंगाधर कोयल ने दावा किया था कि बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत थे और इस प्रकरण के पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का हाथ है।

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अपने दावों पर बल देने के लिए, तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को को कथित तौर पर संदेशखाली की निवासी कुछ महिलाओं के कई वीडियो साझा किये, जिसमें उन लोगों ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उन्हें ‘झूठे बलात्कार के मामले’ दर्ज कराने के लिए उनके साथ ‘छल’ किया और हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल किया।

ताजा वीडियो में से एक में एक महिला को यह कहते सुना जा सकता है, ‘‘सादे कागज पर दस्तखत करा कर हमें धोखा दिया गया है। बाद में हमें पता चला कि हमारे नाम पर बलात्कार की शिकायत दर्ज करायी गयी है। यह बिल्कुल झूठ है।’’ संदेशखाली की एक अन्य कथित निवासी ने एक अन्य वीडियो में इसी तरह का बयान दिया है। इसमें दावा किया गया है कि वह बीजेपी नेता पियाली दास की साजिश की शिकार हुई है। एक तीसरी महिला ने भी पियाली दास पर यही आरोप लगाया और कहा, उसने ‘हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है और हमें बहुत पीड़ा दी है।’’

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सत्तारूढ़ दल ने एक ताजा वीडियो साझा किया है, जिसमें बीजेपी नेता और बशीरहाट से लोकसभा उम्मीदवार रेखा पात्रा को ‘संदेशखाली पीड़ितों’ के एक समूह की पहचान पर सवाल उठाते देखा गया है। इस समूह को बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलवाया था जिन्हें पीड़ित महिलाओं ने आपबीती बताई थी।

रेखा पात्रा संदेशखाली विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, जिन्हें बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा है। तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता उन महिलाओं को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं, जिन्होंने बलात्कार की शिकायत वापस लेने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि, किसी भी वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती है।

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जारी किए गए ताजा वीडियो का जिक्र करते हुए, राज्य सरकार के मंत्री और वरिष्ठ टीएमसी नेता शशि पांजा ने ‘संदेशखाली यौन उत्पीड़न पर झूठी कहानी को कायम रखने’ और पुलिस शिकायत वापस लेने की मांग करने वाले पीड़ितों को धमकी देने के लिए भारतीय जनता पार्टी की निंदा की। पांजा ने कहा, ‘‘संदेशखाली पीड़ितों की जमीन हड़पने को लेकर कुछ शिकायतें रही होंगी। लेकिन उन्होंने कभी भी यौन अपराध की शिकायत नहीं की। इससे फिर साबित होता है कि बीजेपी झूठ फैला रही है। मनगढ़ंत और डराने-धमकाने के इस घृणित कृत्य को बख्शा नहीं जाएगा।’’

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के इन दावों को खारिज कर दिया। अधिकारी ने बशीरहाट में रेखा पात्रा की पर्चा दाखिल रैली में भाग लेते हुए कहा, ‘‘हम जल्द ही दोनों के खिलाफ अदालत जा रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के दुर्भावनापूर्ण झूठ फैलाने के लिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।’’ नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि लोग तृणमूल के धोखे के जाल को समझ गए हैं और रेखा को केवल संदेशखाली क्षेत्र से ही 1.5 लाख वोटों की बढ़त मिलेगी।

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सीपीएम के बशीरहाट लोकसभा उम्मीदवार निरापद सरदार ने दावा किया कि तृणमूल और बीजेपी दोनों अपनी बात साबित करने के लिए वीडियो प्रसारित कर संदेशखाली के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मतदाता अब जाग गए हैं और अब वामदलों के साथ हैं।

संदेशखाली, बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है जहां से बीजेपी ने रेखा पात्रा को मैदान में उतारा है, जो एक कथित पीड़िता भी हैं। यह इलाका तब सुर्खियों में आया जब महिलाओं के एक समूह ने स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। बाद में शेख और कुछ अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।

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