अंतरराष्ट्रीय पर पेशेवर कुश्ती की शासकीय संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने कहा है कि वह भारत में पहलवानों के साथ हो रही घटनाओं पर चिंतित है और पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। ओलंपिक समेत सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं पर नजर रखने वाली यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने एक अधिकारिक बयान में कहा है कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने और उनके उत्पीड़न की निंदा करता है। संस्था ने कहा है कि वह अभी तक हुई जांच के नतीजों से निराश है।
संस्था ने कहा है कि वह भारत में आंदोलनकारी पहलवानों से जुड़ी घटनाओं पर नजर रखे हुए है और इस बात से चिंतित है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर उचित कार्यवाही नहीं हुई है। बयान में कहा गयाहै कि हालांकि बृजभूषण शरण सिंह को फिलहाल कुश्ती महासंघ से अलग कर दिया गया है, फिर भी हाल की घटनाएं चिंता बढ़ाने वाली हैं।
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यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने बयान में कहा है कि, “UWW पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार और उन्हें हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा करती है। जांच के नाम पर अभी तक जो कुछ हुआ है वह निराशाजनक है। संस्था संबंधित अधिकारियों से आग्रह करती है कि पूरे मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाए।”
संस्था ने कहा है कि वह आंदोलनकारी पहलवानों के साथ जल्द ही एक मीटिंग करेगी ताकि उनकी सुरक्षा और स्थिति के बारे में वह निश्चित हो सके। संस्था इन पहलवानों के साथ है।
संस्था ने बयान में आगे कहा है कि “हम भारतीय ओलंपिक संघ की निर्वाचित आम सभा और भारतीय कुश्ती महासंघ की तदर्थ समिति के बारे में भी जानना चाहेंगे। शुरुआत में कहा गया था कि 45 दिनों के अंदर इस समिति की बैठक होगी। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर देगी और खिलाड़ियों को न्यूट्रल फ्लैग के तहत प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा। ध्यान रहे कि इन हालात के मद्देनजर ही इसी साल दिल्ली में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है।“
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बता दें कि आंदोलनकारी पहलवानों ने अपनी मांगों पर कार्यवाही न होने से निराश होकर अपने सभी मेडल हरिद्वार जाकर गंगा में बहाने का ऐलान किया था। पहलवान हरिद्वार पहुंच गए थे, लेकिन भारतीय किसान यूनियन नेता नरेश टिकैत के समझाने-बुझाने पर उन्होंने फिलहाल अपना इरादा टाल दिया है और सरकार को कार्यवाही के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
गौरतलब है कि 28 मई को जब भारत के संसद की नई इमारत का उद्घाटन हो रहा था, उसी दौरान आंदोलनकारी पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया था और दिल्ली पुलिस ने उनके प्रदर्शन की जगह जंतर-मंतर से उनका टैंट उखाड़ दिया था।
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