पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि देश का संविधान खतरे में है क्योंकि देश को धार्मिक आधार पर बांटने के प्रयास किए जा रहे हैं। यशवंत सिन्हा इस समय में 3,000 किलोमीटर की गांधी शांति यात्रा में मौजूद हैं। उन्होंने कहा, "हम शांति, अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए बाहर आए हैं। देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, इसलिए हमने यह यात्रा निकालने का फैसला किया है। वर्तमान में सबसे ज्यादा अशांति फैली हुई प्रतीत होती है। किसान नाखुश हैं और हर जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।”
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उन्होंने आगे कहा, “लोगों में एक-दूसरों के प्रति हिंसा बढ़ रही है और इसे रोकने की जरूरत है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। जनता अगर किसी बात को लेकर नाखुश है तो सरकार को उसकी बात सुननी चाहिए।”
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बता दें कि यशवंत सिन्हा ने अपने समर्थकों के साथ नौ जनवरी को मुंबई से शांति यात्रा शुरू की थी। वे अब तक राजस्थान, हरियाणा पार करते हुए अब उत्तर प्रदेश में पहुंच गए हैं। यात्रा का समापन 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राजघाट पर होगा। यशवंत सिन्हा को यात्रा के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा का समर्थन प्राप्त हुआ है।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम लोग गांधीजी के सत्य, शांति और अहिंसा का संदेश लेकर यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा पर निकलने की इसलिए आवश्यकता पड़ी, क्योंकि आज देश का संविधान और गणतंत्र खतरे में है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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