विचार

विष्णु नागर का व्यंग्यः धरती के सबसे बड़े आत्मप्रेमी मोदी जी फिर आ गए तो भारत का नाम हो जाएगा- मोदीलैंड

बीजेपी के संकल्प पत्र में अगर कोई है तो मोदी जी ही हैं। हर सरकारी विज्ञापन से लेकर हवाई टिकट और रेल की खिड़की से मिलने वाले टिकटों पर भी मोदी ही मोदी हैं। आज हर टीवी चैनल पर मोदी जी ही हैं। और इतने से भी उन्हें संतोष नहीं हुआ तो नमो टीवी खोलकर रख दिया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मोदी जी को अपने आप से इतना प्यार है, इतनी मोहब्बत है कि क्या रांझे को हीर से, हीर को रांझे से, महिवाल को सोनी से और सोनी को महिवाल से रही होगी। एक-दूसरे से प्यार करने वाले कभी आपस में इतना प्यार नहीं कर सकते, जितना अपने आप से प्यार करने वाले खुद से प्यार कर सकते हैं। एकदूसरे से प्यार करने वाले कभी एकदूसरे से लड़ भी पड़ते हैं, चिढ़ भी जाते हैं, ऊब भी जाते हैं, कभी एकदूसरे से अकेलापन भी चाहते हैं।

लेकिन ये समस्या अपने आप से और सिर्फ अपने आप से प्यार करने वालों के सामने नहीं आती। मोदी जी जैसों के समक्ष नहीं आती। अपने इन मोदी जी के समक्ष तो हिम्मत की भी क्या हिम्मत कि समस्या आ सके! मोदी जी अपने आप पर इतने मुग्ध हैं, इतने मोहित हैं कि राधा भी कृष्ण पर नहीं रही होगी। मोदी जी इस धरती पर, इस समय आत्मप्रेम के सबसे बड़े अवतारी पुरुष हैं!

घोषणापत्र या संकल्प पत्र में अगर कोई है तो मोदी जी ही मोदी जी हैं। हर सरकारी विज्ञापन में मोदी जी ही मोदी जी हैं। हवाई टिकट पर मोदी जी, रेल की खिड़की से टिकट लो तो उस पर मोदी जी। टीवी चैनल पर मोदी जी और उससे भी उन्हें संतोष नहीं हुआ तो 'नमो टीवी' भी खोलकर रख दिया, जहां मोदाय नम:, मोदाय नमः की आहूति डलती है।

'पीएम नरेन्द्र मोदी' में मोदी जी और वेब सीरीज में मोदी जी। खुद की डिग्री का ठिकाना नहीं मगर 'एक्जाम वारियर' बनाते हैं, मोदी जी। कहा मिलेंगे- भूत, भविष्य, वर्तमान में ऐसे 'महानों के महान' मोदी जी। अपनी ही तपस्या में 68 साल से लीन 'जगद्गुरु' मोदी जी!

नोटबंदी की घोषणा करें मोदी जी। अंतरिक्ष में सैटेलाइट गिराया जाए तो टीवी पर बकबकाते दिखें, मोदी जी! सरदार पटेल को उठाएं तो मोदी जी और नेहरू जी को पटककर गिराएं तो मोदी जी। योग करें तो मोदी जी, फिटनेस चैलेंज दें तो मोदी जी। 'मन की बात' करें तो मोदी जी, तन की परवाह करें तो मोदी जी। भारत में आज तक एकमात्र प्रधानमंत्री अगर कोई हुआ है तो वह थे, हैं और रहेंगे मोदी जी। बाकी तो सब ऐंवे थे, ऐवें रहेंगे!

पत्नी को छोड़ दें तो भी आदर्श के संस्थापक मोदी जी! घटियापन-ओछापन दिखाने का प्रतिमान स्थापित करें तो मोदी जी। ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण के अवतार कोई हैं तो वह हैं मोदी जी। वह दिन भी मोदी जी ले आना चाहते हैं कि जब 2000 के नोट से लेकर एक रुपये के सिक्के तक पर विराजित होंगे मोदी जी।

मोदी जी की महत्वाकांक्षा देश को इतना 'आगे' ले जाने की है कि तिरंगे में अशोक चक्र की जगह वह ले लें। और अभी दिल थामकर बैठिए कि अगर मोदी जी फिर आ गए तो भारत का नाम बदलकर हो जाएगा- मोदीलैंड! मातृभूमि कहलाएगी-मोदीभूमि।

तब 'मेक इन इंडिया' भी होंगे- मोदी जी, मेक इन अमेरिका भी और मेक इन चाइना भी। इसका मतलब यह नहीं कि मोदी जी, मेक इन राफेल (फ्रांस) नहीं होंगे। वह भी होंगे। इसके बावजूद कोई बड़ा देश भूल से 'मेक इन'... की सूची से इस गरीब से छूट गया हो तो मोदी जी की परमिशन लेकर पाठकगण उसे भी जोड़कर 'मेक इन सो एंड सो' करवाकर जय बोलें- मोदी जी!

मतदाताओं ने चलने दी मोदी जी की तो कृप्या तैयार रहें कि उनके फोटो वाला आधार कार्ड साथ लेकर ही टायलेट जाना होगा और वहां पंच करना होगा। यह कार्ड तब 'प्राण जाई पर कार्ड न जाई' की कोटि में शामिल हो जाएगा। अगर यह खो गया तो इसके लिए ऑनलाइन एप्लाय करना होगा और जब वह बनकर आएगा, तब उसे योग्य कर्म के लिए उपयोग में ला सकेंगे, वरना भारतीय दंड संहिता में नये जुड़े प्रावधानों में यह कर्म अवैध घोषित हो जाएगा।

संघवालों को बताए दे रहा हूं कि आप भी किसी भ्रम में मत रहना। आपका ‘ध्वज प्रणाम’ भी ‘मोदी प्रणाम’ हो जाएगा। राष्ट्रीय पोशाक बनेगी मोदी कुर्ता और (नेहरू नहीं) मोदी जैकेट। इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, विज्ञान आदि विषयों के एकमात्र विषय और एकमात्र ज्ञाता भी मोदी जी ही होंगे। आईने ऐसे मिला करेंगे, जिनमें आपकी नहीं, उनकी तस्वीर दिखेगी। महंगा आईना खरीदने का फायदा यह होगा कि आप दिखोगे मगर बिना लिंग भेद के मोदी जी दिखोगे। भक्तों को इससे खुशी मिलेगी कि अच्छा मोदी जी ने हमें भी बना दिया है- मोदी जी!

यह कल्पना नहीं है मितरों, बस एक दिन मतदान केंद्र पर जाकर 'मैं भी मोदी' कर आने की जरूरत है और इस सबको यथार्थ में परिणत होते इसी जन्म में देख सकोगे। भारत हिंदू राष्ट्र बने न बने, मोदी राष्ट्र अवश्य बन जाएगा!

तब आप मुझ पर नहीं, अपने आप पर हंसोगे और हंसते-हंसते रोने लग जाओगे। हंसोगे तो भी पता चलेगा कि रो रहे हो और रोओगे तब लोग सही समझ सकेंगे कि हां, तुम रो ही रहे हो मगर कोई पूछेगा नहीं कि क्यों रो रहे हो! तब हंसने-रोने का भेद मिट जाएगा। यह 'समानता' की दिशा में मोदी जी का पहला और अंतिम कदम होगा। इस 'समानता' से सब लाभान्वित होंगे- सुपरभक्त, भक्त और आपकी-हमारी तरह के 'देशद्रोही' भी! इसलिए मोदी लाना और देश जरूर बचाना। बंटाधार का मतलब भी आजकल डिक्शनरी में 'बचाना' हो चुका है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined