क्रिकेटर की पहचान मैदान पर उसके खेल से होती है। लेकिन, कई क्रिकेटर ऐसे हैं, जो अपने खेल से ज्यादा अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर का नाम इसी श्रेणी में लिया जाता है।
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संजय मांजरेकर का जन्म 12 जुलाई 1965 को कर्नाटक के मंगलोर में हुआ था। लेकिन, घरेलू क्रिकेट वह मुंबई की तरफ से खेले। वह दाएं हाथ के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज थे। 1987 से लेकर 1986 के बीच भारतीय टीम की तरफ से उन्होंने 37 टेस्ट और 74 वनडे खेले। टेस्ट में 4 शतक की मदद से 2,043 रन और वनडे में 1 शतक और 15 अर्धशतक की मदद से उन्होंने 1994 रन बनाए।
क्रिकेट से संन्यास के बाद संजय मांजरेकर ने कमेंट्री शुरू की और यहीं से विवादों का सिलसिला भी शुरू हुआ। कमेंट्री के दौरान या फिर किसी मुद्दे का विश्लेषण करते हुए मांजरेकर के बयान काफी सुर्खियों में रहे हैं। कई बार उनके बयान पक्षपातपूर्ण भी लगे, जिस वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
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उदाहरण के तौर पर, टी20 विश्व कप के लिए संजय मांजरेकर ने अपनी टीम चुनी तो उसमें विराट कोहली का चयन नहीं किया। इसके लिए उनकी आलोचना हुई। विश्व कप फाइनल में विराट कोहली की पारी की वजह से ही भारतीय टीम चैंपियन बनी थी। विराट कोहली जब युवा थे, तब भी मांजरेकर ने उनकी फॉर्म को लेकर कड़ा रवैया अपनाया था।
ऐसे ही मांजरेकर ने जब रवींद्र जडेजा को नियमित ऑलराउंडर मानने से इंकार किया, उसकी भी काफी आलोचना हुई। यह मामला इतना बढ़ा था कि जडेजा ने भी सोशल मीडिया पर सीधे तौर पर मांजरेकर के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी। चाहे रविचंद्रन अश्विन की महानता पर सवाल उठाना हो, या हार्दिक पांड्या की बतौर बल्लेबाज विशेषज्ञता पर सवाल उठाना, गौतम गंभीर पर प्रेस से बात करने की रोक लगाने जैसे अनेक बयानों की वजह से संजय मांजरेकर आए दिन चर्चा में बने रहते हैं। एक बार उन्होंने साथी कमेंटेटर हर्षा भोगले के क्रिकेट ज्ञान पर भी सवाल उठाया था।
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2019 में विश्व कप में रवींद्र जडेजा के खिलाफ दिए 'बिट्स एंड पीसेज' बयान की वजह से बीसीसीआई ने 2020 में मांजरेकर को कमेंट्री पैनल से हटा दिया था। इसके बाद माफी मांगने के बाद मांजरेकर को पुन: कमेंट्री पैनल में बहाल कर दिया गया। हालांकि मांजरेकर का कमेंट्री का अपना स्टाइल जारी है और वह अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर हैं। फिलहाल वह भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में कमेंट्री कर रहे हैं।
मांजरेकर ने भारत के लिए 74 वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 33.23 की औसत के साथ 3101 रन बनाए। मांजरेकर एक ऐसे बल्लेबाज थे जिनके पास ठोस तकनीक थी, लेकिन अक्सर स्ट्राइक रेट को लेकर उनकी आलोचनाएं भी होती रहती थी।
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