राजनीति

बिहार की वो सीट जिसपर मिली हार ने BJP को सोचने पर कर दिया मजबूर और जेडीयू से शुरू हो गई तकरार!

बिहार में तो एनडीएन मुश्किल से अपना खाता खोल पाई। बिहार में 5 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इन पांचों विधानसभा सीटों में से एक सीट पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी, दो सीटों पर आरजेडी और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा के साथ ही कई राज्यों में उपचुनाव भी हुए। इन उपचुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। बिहार में तो एनडीएन मुश्किल से अपना खाता खोल पाई। बिहार में 5 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इन पांचों विधानसभा सीटों में से एक सीट पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी, दो सीटों पर आरजेडी और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं। लेकिन इनमें से एक सीट ऐसी है जिस पर मिली हार ने बीजेपी के कान खड़े कर दिए हैं। इतना ही नहीं पटना से लेकर दिल्ली तक के बीजेपी का आलाकमान भी सोचने पर मजबूर हो गया है।

Published: 25 Oct 2019, 1:52 PM IST

जिस सीट पर मिली हार ने बीजेपी आलाकमान की नींद उड़ा दी है उसका नाम है दरौंदा। यह विधानसभा बिहार के चर्चित जिला सीवान संसदीय क्षेत्र में आता है। दरअसल, इस विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन की ओर से जेडीयू के अजय सिंह मैदान में थे। वहीं आरजेडी ने उमेश सिंह को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन इन दोनों को मात देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी करणजीत उर्फ व्यास सिंह ने बाजी मार ली। निर्दलीय चुनाव जीतने वाले व्यास सिंह बीजेपी के बागी नेता हैं।

Published: 25 Oct 2019, 1:52 PM IST

इस हार ने बीजेपी और जेडीयू के बीच की कलह को उजागर कर दिया है। यहां जेडीयू को बीजेपी नेताओं का समर्थन नहीं मिला। इतना ही नहीं बीजेपी के नेता व्यास सिंह को खुलकर समर्थन करते दिखे। बीजेपी के पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव ने एनडीएन उम्मीदवार के बजाए व्यास सिंह का समर्थन किया। ओमप्रकाश यादव ने खुलकर निर्दलीय व्यास सिंह के लिए प्रचार किया और जेडीयू के अजय सिंह को हराने की अपील की। इतना ही नहीं बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं भी हुई।

Published: 25 Oct 2019, 1:52 PM IST

हालांकि, बिहार बीजेपी के दो बड़े नेता सुशील मोदी और मंगल पांडे जेडीयू उम्मीदवार अजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार करने गए लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ और चुनाव में अजय सिंह की करारी हार हुई। बागी व्यास सिंह पर पार्टी ने नाम वापस लेने के लिए दबाव भी डाला लेकिन वो नहीं माने। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन दरौंदा पहुंचे सुशील मोदी ने मंच से कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर व्यास सिंह ने नामांकन वापस नहीं लिया तो उन्हें कड़ी सजा देंगे। बीजेपी आलाकमान की सख्ती के बाद भी पार्टी के स्थानीय नेताओं का विरोध जारी रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि व्यास सिंह को जीत मिली तो वहीं जेडीयू उम्मीदवार अजय सिंह हार गए। अब उनकी इस हार से एनडीए में हताशा है।

Published: 25 Oct 2019, 1:52 PM IST

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Published: 25 Oct 2019, 1:52 PM IST

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