राजनीति

एलजेपी में टूट! 5 सांसदों के साथ अलग राह पर पशुपति पारस, बागी चाचा को मनाने पहुंचे चिराग, 25 मिनट तक नहीं खुला दरवाजा

बिहार में एक बार फिर हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल रहा है। दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बिहार में एक बार फिर हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल रहा है। दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई है। रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने पांच सांसदों को साथ लेकर अब पार्टी पर अपना अधिकार जता दिया है, वहीं चिराग पासवान अब अलग-थलग हो गए हैं। एलजेपी के पांचों बागी सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। चिराग के चाचा पशुपति पारस पासवान पार्टी के नया नेता चुने गए हैं।

Published: 14 Jun 2021, 1:23 PM IST

इसी बीच पशुपति पासवान के घर पर भी सियासी ड्रामा देखने को मिला। दरअसल जब अपने चाचा को मनाने चिराग उनके घर पहुंचे तो भतीजे के आने से पहले ही चाचा घर से निकल गए। इतना ही नहीं चिराग के लिए घर का दरवाजा भी नहीं खोला गया। चिराग पासवान घर के बाहर ही अपनी गाड़ी में बैठकर करीब 25 मिनट तक इंतजार करते रहे। इसके बाद घर का दरवाजा खोला गया।

Published: 14 Jun 2021, 1:23 PM IST

इससे पहले पशुपति पारस पासवान ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं है, बल्कि टूटने से बचाया है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों की इच्छा थी 2014 में और इस बार भी हम एनडीए के साथ बने रहें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी, असमाजिक तत्व आ रहे थे, एनडीए से गठबंधन को तोड़ दिया और कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी गई।

Published: 14 Jun 2021, 1:23 PM IST

बता दें कि एलजेपी के पांच सांसदों ने भी चिराग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने पशुपति पारस को अपना नेता चुना है। जिसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के पांच सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी को बचाना जरूरी है। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, पार्टी को बचाया है। जबतक मैं जिंदा हूं, पार्टी को जिंदा रखेंगे। मुझे चिराग पासवान से कोई दिक्कत नहीं है, अभी भी ओरिजनल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ही है। चिराग अभी तक पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब वह हमारे साथ आना चाहें तो आ सकते हैं।

जनता दल (यू) के साथ जाने की बातों पर पशुपति पारस ने कहा कि मैं शुरुआत से एनडीए के साथ रहा हूं, हम एनडीए के साथ रहेंगे। पशुपति पारस ने कहा कि वह नीतीश कुमार को एक अच्छा लीडर मानते हैं, वह विकास पुरुष हैं।

Published: 14 Jun 2021, 1:23 PM IST

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Published: 14 Jun 2021, 1:23 PM IST