राजनीति

बिहार: अरूणाचल प्रदेश की घटना के बाद एनडीए में घमासान, सीएम नीतीश बना रहे ये बड़ा प्लान?

अरूणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात विधायकों में छह के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद बिहार सरकार में शामिल जेडीयू, बीजेपी के गठबंधन में गांठ उभर आई है। इसकी बानगी जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी दिखी थी।

फोटो : IANS
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हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में बहुमत से कुछ ही दूर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाला महागठबंधन इन दिनों सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल घटक दलों के रिश्ते में पड़ी 'गांठ' के जरिए मौके की तलाश में है।

अरूणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात विधायकों में छह के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद बिहार सरकार में शामिल जेडीयू, बीजेपी के गठबंधन में गांठ उभर आई है। इसकी बानगी जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी दिखी थी।

Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST

इसके बाद तो जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के 'अरूणाचल प्रदेश की घटना से हमलोगों को तकलीफ तो जरूर हुई है' के बयान ने जेडीयू के नेताओं के उभरे दर्द को सार्वजनिक कर दिया। सिंह ने यहां तक कह दिया कि ऐसी घटनाओं का दिल और दिमाग पर तो असर पड़ता ही है।

अरूणाचल की घटना के बाद जेडीयू के उभरे इसी दर्द को राजद ने सियासी हथियार बनाया और मौके की तलाश में जुट गई। राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नाराण चौधरी ने तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने तक का 'ऑफर' दे दिया।

Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST

चौधरी ने कहा, "नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए और एनडीए से बाहर हो जाना चाहिए। उन्हें तेजस्वी यादव को नई सरकार बनाने में मदद करनी चाहिए। 2024 में राजद नीतीश को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका साथ देगा।"

इधर, राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने तो अरूणाचल प्रदेश की घटना को चुनाव में जेडीयू के खिलाफ एलजेपी के द्वारा उतारे गए प्रत्याशियों से जोड़ते हुए कहा कि बीजेपी अब जेडीयू को समाप्त करने की तैयारी में है। उन्होंने भी नीतीश को एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में आने तक की सलाह दे दी।

Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST

बिहार के पूर्व मंत्री और राजद नेता श्याम रजक ने बुधवार को जेडीयू के 17 विधायकों के संपर्क में रहने का दावा कर बिहार की सियासत को और गर्म कर दिया। उन्होंने कहा कि जेडीयू के 43 विधायकों में से 17 उनके संपर्क में हैं, जो नीतीश कुमार की सरकार को गिराना चाहते हैं।

राजद के नेताओं द्वारा लगातार दिए जा रहे बयान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आना पड़ा। नीतीश कुमार ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जो भी दावा किया जा रहा है, वह बेबुनियाद है। इन दावों में कोई दम नहीं है।

इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं एनडीए अस्थिर है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह सरकार किसी भी स्थिति में पांच वर्ष नहीं चलने वाली है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि राजद किसके साथ मिलकर सरकार बनाएगी, यह तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा।

Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST

इधर, बिहार बीजेपी अरूणाचल प्रदेश की घटना के बाद 'डैमेज कंट्रोल' में जुट गई है। बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी कहती हैं कि बिहार एनडीए के नीतीश कुमार अभिभावक है। उन्होंने कहा कि हमलोगों का घर पूरी तरह ठीक है।

बहरहाल, बिहार में इस ठंड में भी सियासत का पारा गर्म है। अब राजद के दावे में कितना दम है, इसका पता तो नए साल में ही चल पाएगा। लेकिन, वर्तमान समय में राजनीतिक दलों के बीच बढ़े हलचल से इतना तय है कि आने वाले साल में भी बिहार की सियासत में तपिश महसूस की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि इस साल नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनाव में राजद जहां 75 सीट लेकर सबसे बडा दल के रूप में सामने आई है, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को 19 मिली थी। इसके अलावे एनडीए में बीजेपी को 74, जेडीयू को 43 तथा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी को चार-चार सीटें मिली थी।

Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST

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Published: 31 Dec 2020, 6:00 PM IST