उत्तर प्रदेश चुनाव के दिन करीब आते ही दलबदल का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में शनिवार को प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इसके अलावा अम्बिका चौधरी ने भी बेटे के साथ घर वापसी की है।
पूर्वाचल की सियासत में खासा दखल रखने वाले बीएसपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और मुहम्मदाबाद विधाननसभा से दो बार विधायक रहे चुके सिबगतुल्लाह अंसारी शनिवार को अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर से लखनऊ आकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उनके साथ उनके बेटे मुन्नू अंसारी भी एसपी में शामिल हुए।
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कहा जा रहा है कि सिबगतुल्लाह अंसारी को पार्टी की सदस्यता देकर एसपी इलाके के राजनीतिक माहौल में नए तरह का सियासी समीकरण तैयार करने के मूड में है। दरअसल 2017 के विधानसभा चुनावों के पहले मुख्तार अंसारी अपनी पार्टी कौमी एकता दल से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लेते हुए एसपी में शामिल हो गए थे। लेकिन बाद में अखिलेश यादव के ऐतराज के बाद उन्हें एसपी से अलग होकर बीएसपी में शामिल होना पड़ा था।
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सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अलका राय से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब उन्होंने एसपी का दामन थामा है, ऐसे में लगभग तय है कि उन्हें या उनके बेटे को 2022 के विधाननसभा चुनाव में पार्टी वहां से टिकट देगी।
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समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अम्बिका चौधरी ने भी करीब पांच साल बाद आज पार्टी में वापसी कर ली है। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे और मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी छोड़कर उन्होंने 2017 में बीएसपी से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। हालांकि इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब उनके बेटे को एसपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था, जो जिला पंचायत अध्यक्ष भी बने हैं।
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