
एनसीपी पर अधिकार के विवाद में शरद पवार को चुनाव आयोग के बाद महाराष्ट्र विधानसभा से भी बड़ा झटका लगा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को मामले में फैसला सुनाते हुए ऐलान किया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी ही असली 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी' है।
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पिछले साल जुलाई में एनसीपी विभाजन के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा दायर विधायकों की अयोग्यता की मांग वाली याचिका पर अपने आदेश में अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से जुड़े शिवसेना अयोग्यता मामले का उल्लेख किया। अध्यक्ष ने कहा कि एनसीपी के दो गुट 30 जून 2023 को उभरे और किसी ने कोई गुट नहीं छोड़ा, इसलिए किसी भी गुट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
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राहुल नार्वेकर ने कहा, "(महाराष्ट्र) सरकार में शामिल होने से पहले, अजित पवार गुट ने विधायकों और एमएलसी की संख्या के मामले में शरद पवार गुट को पछाड़ दिया था। 2 जुलाई, 2023 से पहले दो समानांतर पार्टी अध्यक्ष और संरचनाएं मौजूद थीं, जब अजित पवार सरकार का हिस्सा बने।" स्पीकर के इस फैसले के बाद अजित पवार के गुट में खुशी की लहर है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
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स्पीकर का यह निर्णय शरद पवार के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। यह निर्णय चुनाव आयोग द्वारा अजित पवार समूह को एनसीपी पार्टी का नाम और उसका 'घड़ी' चिन्ह आवंटित करने के कुछ दिनों बाद आया है। शरद पवार गुट, जिसे 'एनसीपी-शरदचंद्र पवार' का अस्थायी नाम दिया गया है, ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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