राजनीति

मिमिक्री विवाद पर बोले TMC सांसद कल्याण बनर्जी- 'मॉक पार्लियामेंट' में कभी किसी का नाम नहीं लिया'

कल्याण बनर्जी ने कहा कि मैं लोकसभा का सदस्य हूं और मैंने राज्यसभा की कोई कार्यवाही नहीं देखी है। मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि माननीय सभापति राज्यसभा में कैसे बोलते हैं। मेरा सवाल है कि क्या वह वास्तव में राज्यसभा में इस तरह का व्यवहार करते हैं।

मिमिक्री विवाद पर बोले TMC सांसद कल्याण बनर्जी- 'मॉक पार्लियामेंट' में किसी का नाम नहीं लिया'
मिमिक्री विवाद पर बोले TMC सांसद कल्याण बनर्जी- 'मॉक पार्लियामेंट' में किसी का नाम नहीं लिया' फोटोः IANS

संसद भवन के बाहर विपक्ष के निलंबित सांसदों के बीच 'मॉक पार्लियामेंट' में कथित तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर विवादों में आए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि अपने एक्ट में कभी किसी का नाम नहीं लिया और अगर राज्यसभा के सभापति ने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो मैं सचमुच असहाय हूं।

संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा, "मैं लोकसभा का सदस्य हूं और मैंने राज्यसभा की कोई कार्यवाही नहीं देखी है। मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि माननीय सभापति राज्यसभा में कैसे बोलते हैं।" उन्होंने कहा, "मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा कभी नहीं था। धनखड़ साहब मुझसे बहुत वरिष्ठ हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे अपने ऊपर क्यों लिया है।"

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उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे पता नहीं क्यों... मैंने 'मॉक पार्लियामेंट' में अपने एक्ट में कभी किसी का नाम नहीं लिया, अगर उन्होंने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो मैं वास्तव में असहाय हूं।" उन्होंने यह भी पूछा, "क्या वह वास्तव में राज्यसभा में इस तरह का व्यवहार करते हैं, यह मेरा सवाल है।"

कल्याण बनर्जी ने कहा, ''मेरा कभी भी किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। धनखड़ भी इसी पेशे से हैं और मैं हर किसी का बहुत सम्मान करता हूं। वह भी वकील हैं और मैं भी वकील हूं। धनखड़ जी के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। अगर उन्हें लगता है कि उनमें और मुझमें कोई समानता है तो मेरा सवाल है कि क्या वह राज्यसभा में इसी तरह व्यवहार करते हैं।''

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इससे पहले दिन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी सांसदों के इस कृत्य की आलोचना की। एक्स पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति ने कहा, ''संसद परिसर में जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है, जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं।''

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वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों ने भी खड़े होकर सभापति धनखड़ के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए बुधवार को सदन की कार्यवाही में भाग लिया, जब तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को संसद भवन मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन करते समय उनकी नकल की थी।

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