उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही है और टिकट बंटवारे को लेकर पार्टियों की अंदरूनी कलह सामने आने लगी है। इसी बीच मुरादाबाद जिले की तीन सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) में बगावती तेवर देखे जाने लगे हैं। देहात से विधायक रहे हाजी इकराम कुरैशी ने तीखे तेवर अपनाते हुए प्रत्याशी बनाए गए हाजी नासिर कुरैशी पर गोमांस का निर्यात करने के साथ नशीले पदार्थों की तस्करी का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। जानकार मानते हैं कि अभी तो यह शुरुआत है आगे और भी लोग पार्टी छोड़ सकते हैं।
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सपा हाईकमान ने इस मर्तबा मुरादाबाद देहात, कुंदरकी और कांठ विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन किया है। कुंदरकी और देहात विधायकों के टिकट काटने के साथ कांठ से पैराशूट प्रत्याशी उतारा है। यहां से हसनपुर के कमाल अख्तर को टिकट दिया गया है। पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान शुरू हो गया है। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के 28 विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष लवी पाशा ने अपनी कमेटी समेत सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया है। यूथ ब्रिगेड के महानगर अध्यक्ष कामिल मंसूरी के हवाले से उपाध्यक्ष ने लवी का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए पार्टी से निकालने का लेटर जारी कर दिया था, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसे व्हाटसएप ग्रुप से हटा लिया गया। इसी तरह जिलाध्यक्ष डीपी यादव के निर्देश पर महासचिव मुदस्सिर खान ने कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष खुर्शीद मलिक को छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
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शनिवार को हाजी इकराम कुरैशी ने एक चैनल से वार्ता करते हुए कहा कि पिछले 28 वर्षों से सपा में शामिल रहे। उन्होंने हमेशा जनता के कार्य किए हैं। पांच साल विधायक और पांच साल दर्जा मंत्री रहने के दौरान लोगों के काम आया हूं। जनता से विश्वास का संबंध बनाया है। मैंने मुसलमानों के काम ज्यादा किए हैं इसलिए ही मेरा टिकट काटा गया है। उन्होंने कहा कि सपा ने पूंजीपति को टिकट दिया है। मैं भी गोमांस में हेरोइन रखकर निर्यात करता होता तो मेरा टिकट नहीं कटता। उन्होंने कहा वह जनता और समर्थकों से बातचीत करके ही अगला फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और इसका बदला वही लेगी। याद रहे कि कुंदरकी से हाजी रिजवान ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
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हाजी इकराम के बयान का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी के शहर सदर शाने अली शानू ने कहा के हाजी इकराम यह भूल गए हैं के उनको सियासी पहचान समाजवादी पार्टी ने ही दी है। पार्टी हाईकमान ने उन्हें ज़िले की कमान सौंपी, सरकार में दर्जा मंत्री बनाया, देहात विधानसभा से उन्हें विधायक बनाया। उन्होंने कहा कि तो उन्हें भी किसी और की जगह टिकट दिया गया था। अगर पार्टी लीडर का उस वक्त फैसला सही था तो अब क्यूं नहीं। शाने अली शानू ने कहा के हाजी इकराम को सब्र से काम लेना चाहिए और पार्टी लीडर के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
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वहीं देहात विधानसभा से सपा के उम्मीदवार बनाए गए हाजी नासिर कुरैशी ने कहा के हाजी इकराम कुरैशी बुज़ुर्ग हो गए हैं, इसलिए शायद उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। ये भी हो सकता है कि पार्टी हाईकमान उन्हें कुछ और जिम्मेदारी सौंपना चाहती होगी।
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