विकेटकीपर ध्रुव जुरेल (125), हरफनमौला रविंद्र जडेजा (नाबाद 104) और सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (100) की शतकीय पारियों से भारत ने दो मैचों की श्रृंखला के शुरुआती टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को यहां अपनी पहली पारी में पांच विकेट पर 448 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर ली।
वेस्टइंडीज की पहली पारी 162 रन पर सिमटी थी। भारत ने पांच विकेट शेष रहते 286 रन की बढ़त के साथ मैच पर अपना शिकंजा कस दिया।
पिच पर गेंदबाजों के पैर वाले निशान से स्पिनरों को मिल रहे असामान्य उछाल को देखते हुए वेस्टइंडीज के लिए अब पारी की हार को टालना भी मुश्किल होगा।
दिन का खेल खत्म होते समय जडेजा के साथ वाशिंगटन सुंदर (नौ रन) क्रीज पर मौजूद थे।
चौबीस साल के जुरेल ने भारतीय पारी के 116वें ओवर में वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेज के खिलाफ चौके के साथ 190 गेंद में टेस्ट करियर का अपना पहला शतक पूरा किया तो वहीं शानदार लय में चल रहे जडेजा ने इसके 10 ओवर बाद वारिकन के खिलाफ एक रन चुरा कर 168 गेंद में अपना छठा टेस्ट शतक पूरा किया।
इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ प्रथम श्रेणी मुकाबले में 140 रन बनाने वाले जुरेल ने 210 गेंद की पारी में 15 चौके और तीन छक्के जड़े। जडेजा ने थोड़ी तेजी से बल्लेबाजी करते हुए अब तक 176 गेंद की पारी छह चौके और पांच बड़े छक्के लगा चुके हैं।
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विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल ने शुक्रवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक भारतीय सेना को समर्पित करते हुए कहा कि उनके मन में हमेशा ‘रणभूमि में उनके योगदान के लिए सम्मान’ रहा है।
जुरेल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन 125 रनों की शानदार पारी खेली। भारत ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक तक पांच विकेट पर 448 रन का मजबूत स्कोर बना लिया। उनके अनुभवी साथी लोकेश राहुल (100) और रविंद्र जडेजा (नाबाद 104) ने भी शतक जड़े।
बल्ले से अपने शानदार प्रदर्शन के अलावा 24 वर्षीय जुरेल ने अर्धशतक और फिर शतक पूरा करने के बाद जश्न मनाने के अपने तरीके से सबका ध्यान खींचा।
जुरेल के पिता भारतीय सेना में रहे है और वह कारगिल युद्ध में शामिल थे। उन्होंने अर्धशतक और शतक पूरा करने के बाद सलामी देने की मुद्रा के साथ अपने पिता और भारतीय सेना को सम्मान दिया।
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भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ा। इसी के साथ केएल राहुल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में सर्वाधिक शतक लगाने वाले भारतीयों में विराट कोहली को पछाड़ चुके हैं।
केएल राहुल ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अब तक कुल 6 शतक लगाए हैं, जबकि विराट कोहली अपने करियर में 5 ही शतक लगा सके थे।
वहीं, इस लिस्ट में रोहित शर्मा और शुभमन गिल शीर्ष पर मौजूद हैं। इन दोनों ही खिलाड़ियों के नाम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 9-9 शतक हैं। हालांकि, गिल के पास इसी सीरीज में रोहित शर्मा से आगे निकलने का शानदार मौका है।
इस लिस्ट में ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर मौजूद हैं। इन दोनों ही बल्लेबाजों ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 6-6 सेंचुरी जड़ी हैं।
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रणजी ट्रॉफी चैंपियन विदर्भ ने शुक्रवार को यहां शेष भारत के खिलाफ ईरानी ट्रॉफी मुकाबले के तीसरे दिन मजबूत बल्लेबाजी की बदौलत अपनी कुल बढ़त 224 रन की करके मैच पर शिकंजा कस दिया।
पहली पारी में 342 रन बनाने के बाद विदर्भ ने शेष भारत को पहली पारी में 69.5 ओवर में महज 214 रन पर ढेर कर 128 रन की अहम बढ़त हासिल की।
विदर्भ ने तीसरे दिन स्टंप तक दूसरी पारी में दो विकेट पर 96 रन बना लिए हैं जिससे उसकी कुल बढ़त 224 रन की हो गई और मैच में अभी पूरे दो दिन बाकी हैं।
तेज गेंदबाज यश ठाकुर ने विदर्भ की गेंदबाजी की अगुआई करते हुए 66 रन देकर चार विकेट चटकाए। बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ रेखाड़े (14 रन देकर दो विकेट) और ऑलराउंडर हर्ष दुबे (58 रन देकर दो विकेट) ने उनका अच्छा साथ दिया जबकि आदित्य ठाकरे और दर्शन नालकांडे को एक-एक विकेट मिला।
शेष भारत ने दिन की शुरुआत पांच विकेट पर 142 रन से की और तब वह 200 रन से पीछे था। कप्तान रजत पाटीदार पर उम्मीदें टिकीं थीं।
लेकिन विदर्भ ने पहली ही गेंद पर मानव सुतार को पगबाधा आउट कर दिया। रात के 42 रन से आगे खेल रहे पाटीदार हालांकि डटे रहे और अर्धशतक पूरा किया जबकि दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे।
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एच एस प्रणय ने इसे ‘जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर’ बताया, लक्ष्य सेन ने खिलाड़ियों से घरेलू परिस्थितियों का लाभ उठाने की सलाह दी जबकि अश्विनी पोनप्पा ने अपने अभ्यास और कौशल पर भरोसा रखने के संदेश के साथ विश्व जूनियर चैंपियनशिप से पहले 25 सदस्यीय भारतीय टीम का हौसला बढ़ाया।
बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2025 का आयोजन छह से 19 अक्टूबर तक गुवाहाटी में होगा। भारत 17 साल के लंबे अंतराल के बाद इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। भारत ने इससे पहले 2008 में पुणे में इसकी मेजबानी की थी।
प्रणय ने कहा, ‘‘विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना शायद जीवन में एक बार मिलने वाला मौका है।’’
प्रणय 2010 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय बैडमिंटन के प्रमुख सितारों में से एक बन गए थे ।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जूनियर खिलाड़ियों के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने का एक मौका है। यह पहला कदम है। यहां से आपको पता चल जाएगा कि अगले कुछ वर्षों में क्या उम्मीद करनी है,। अब आप सीनियर स्तर पर पहुंचने के करीब हैं।’’
भारतीय टीम के ज्यादातर सदस्य अत्याधुनिक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीई) में प्रशिक्षण ले रहे हैं । लक्ष्य ने एकाग्रता और अनुशासन के महत्व पर जोर दिया।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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