भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। करीब दो दशक लंबे करियर के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस फैसले की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अपने इस फैसले के बारे में ईएसपीएनक्रिकइंफो हिंदी से भी बात की।
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चावला ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "दो दशक से ज्यादा समय तक मैदान पर रहने के बाद अब समय आ गया है कि मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहूं।" उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने, 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप की विजेता टीम का हिस्सा बनने को अपने जीवन का सबसे आशीर्वाद बताया और लिखा कि ये यादें हमेशा उनके दिल में बसी रहेंगी।
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उन्होंने कहा कि आईपीएल उनके करियर का एक बेहद खास अध्याय रहा है। पीयूष ने कहा, "मैं उन सभी फ्रेंचाइजियों का दिल से धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया। पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस को मैं धन्यवाद देता हूं। इंडियन प्रीमियर लीग में खेला गया हर एक पल मैंने पूरी तरह जिया है।"
अपने कोचों और परिवार को याद करते हुए चावला ने लिखा, "मैं अपने कोचों (श्री के.के. गौतम और स्वर्गीय श्री पंकज सरस्वत) के प्रति गहरा आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मुझे संवारकर वो खिलाड़ी बनाया जो मैं बना।"
साथ ही उन्होंने अपने परिवार को अपनी ताकत का स्तंभ बताया और अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "उनका मुझ पर विश्वास ही वह रौशनी थी जिसने मुझे राह दिखाई। उनके बिना यह यात्रा संभव नहीं हो पाती।"
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ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में चावला ने अपने करियर को याद करते हुए कहा, "मैंने लगभग 20 साल क्रिकेट को दिए हैं। यह एक लंबा और यादगार सफर रहा है। ऊपर वाले की कृपा रही कि मैं इतने लंबे वक्त तक क्रिकेट खेल सका। यह सफर कभी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, तो कभी बेहद सुकून देने वाला। लेकिन इसके हर पल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और बहुत कुछ दिया। ये वो यादें हैं जो ताउम्र मेरे साथ रहेंगी।"
अपने संन्यास के फैसले को लेकर उन्होंने आगे कहा, "मुझे हमेशा से लगता रहा है कि हर चीज का एक सही समय होता है। और आज वही पल है, जब मुझे लगा कि अब यह फैसला लेना चाहिए।"
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पीयूष चावला ने भारत के लिए 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 मुकाबले खेले। उन्होंने कुल 43 विकेट चटकाए। वह 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे, जो उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार है। भारत के लिए उनका आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ एक टी20 मुकाबले के रूप में दर्ज है।
घरेलू क्रिकेट में भी चावला का रिकॉर्ड काफी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने 137 प्रथम श्रेणी मैचों में 446 विकेट लिए, साथ ही बल्ले से भी योगदान दिया और छह शतकों की मदद से 5486 रन बनाए। एक ऑलराउंडर के रूप में उनकी भूमिका हमेशा अहम रही।
आईपीएल में चावला का करियर बेहद सफल रहा। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 और 2014 में दो बार खिताब जीता। उन्होंने आईपीएल में कुल 192 विकेट लिए और इस वक्त वह आईपीएल इतिहास में संयुक्त रूप से तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। इस सूची में वह सुनील नारायण के साथ खड़े हैं।
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