
राजनीति के भीड़भाड़ वाले दौर में माले की उम्मीदवार दिव्या गौतम एक अलग रास्ता चुनती हैं, वो पैदल चलकर लोगों से मिलती हैं। उनके साथ छात्र और युवा कार्यकर्ता बैटरी रिक्शा, बाइक और साइकिल से चलते हैं। न कोई भव्य रैली, न महंगे नारे, न सोशल मीडिया का शोर। बस आम लोगों के मुद्दे यानी महंगाई, शिक्षा और रोजगार पर सीधी बात। दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू के कई छात्र उनके अभियान से जुड़े हैं। “एक ही नारा, तीन तारा” (सीपीआई (एम-एल) के लाल झंडे का प्रतीक) के नारे के साथ, कुछ छात्र कर्नाटक से आकर पर्चे बांट रहे हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में दिव्या गौतम ने नवजीवन के विश्वदीपक से एक छोटी सी बात की और कहा कि जनता जुमलों में नहीं आने वाली है, ये सरकार जाने वाली है। देखिए ये वीडियो -
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