
उत्तराखंड के चमोली जिले का जोशीमठ लगातार धंस रहा है। टाइम बॉम पर खड़े जोशीमठ में किसी भी समय ब्लास्ट हो सकता है। इन सबके बीच खून पसीने से बनाए गए घरों को लोग इस उम्मीद से छोड़ रहे हैं कि आने वाले दिनों में वो एक बार फिर इसी जोशीमठ में पहले जैसे रह सकेंगे। इन सबके बीच सवाल ये है कि क्या जोशीमठ को दोबारा बसाया जा सकता है?
इन सवालों का जवाब IIT कानपुर के भू वैज्ञानिक प्रो. राजीव सिन्हा ने दिया है। उन्होंने जोशीमठ को लेकर कई तरह के खुलासे भी किए हैं।
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