बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने साल 2012 में फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इस फिल्म में लोगों ने उनके किरदार को काफी सराहा। हालांकि पिछले कुछ सालों से सिद्धार्थ को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस बीच ‘बार बार देखो’, ‘ए जेंटलमैंन’ और ‘अय्यारी’ जैसी उनकी कई फिल्में आईं जो दर्शकों या बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर सकी।
इस बारे में सिद्धार्थ ने बताया, “किसी एक फिल्म से किसी कलाकार के विकास का विश्लेषण नहीं किया जाना चाहिए। मुझे पता है कि कुछ ऐसी फिल्में रही हैं जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और अगर मैं कहता हूं कि असफलता से मैं प्रभावित नहीं होता तो यह गलत होगा। मैं इनसे प्रभावित होता हूं, लेकिन मैं जानता हूं कि इनसे कैसे निपटना है। मैं एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “आलोचनाएं और असफलताएं मुझे प्रभावित करती हैं और यह मुझमें आग लगाती हैं। ये चीजें हर बार कुछ नया और अलग करने के लिए मुझे प्रेरित करती हैं। कभी-कभी चीजें आपके हक में होती है तो कभी नहीं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपका अपना बेस्ट देना बंद कर दे। यह सफर का एक हिस्सा है।” सिद्धार्थ ने यह भी कहा, “हमारे देश में ऐसे कई सुपरस्टार्स हैं जो अभी भी काम कर रहे हैं। उन्हें भी मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा है।”
सिद्धार्थ ने इस बात को भी माना कि आजकल सोशल मीडिया सबसे बड़े आलोचकों में से एक बन गया है। सिद्धार्थ के मुताबिक, “सोशल मीडिया से आपको यह पता चलता है कि आप किस दिशा में गलत जा रहे हैं और क्या कमी है या दर्शक आपसे क्या चाहते हैं। आज हर एक इंसान क्रिटिक्स है।”
हालांकि सिद्धार्थ ने यह भी कहा, “कभी-कभार लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरूपयोग करते हैं। कई नकारात्मकता फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। यह सकारात्मक मुद्दों के लिए बना है। चलिए इसके माध्यम से कुछ चीजों के बारे में जागरूकता पैदा करें और लोगों को शिक्षित बनाएं।”
Published: undefined
कभी भी अभिनेत्री बनना नहीं चाहती थी: कीर्ति खरबंदा
अभिनेत्री कीर्ति खरबंदा अपनी आगामी फिल्मों –‘हाउसफुल 4’, ‘पागलपंती’, ‘चेहरे’, और तमिल फिल्म ‘वान’ में काफी व्यस्त हैं। उनका कहना है कि वह कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं। कीर्ति ने बताया, “मैं कभी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी, बजाए इसके मैं शादी करना चाहती थी और बच्चे पैदा करना चाहती थी। तो बात चाहे बॉलीवुड या दक्षिण की फिल्मों में काम करने की हो। मैं फिल्मों का चयन भाषा के आधार पर नहीं करती। जब मैंने वहां काम करना शुरू किया, तो दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग को बॉलीवुड में कदम रखने की सीढ़ी के रूप में नहीं देखा। यहां तक कि आज भी मैं जब किसी तमिल फिल्म में या एक मल्टीस्टारर बॉलीवुड फिल्म में अभिनय करती हूं तो दोनों में कोई अंतर नहीं देखती।”
इससे पहले वह बॉलीवुड फिल्मों ‘गेस्ट इन लंदन’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘कारवां’ और ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ में नजर आई थीं। उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में ‘गूगली’, ‘सुपर रंगा’, ‘ब्रुस ली: द फाइटर’ जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined