
जसप्रीत बुमराह अगर इंग्लैंड के खिलाफ अगले सप्ताह बर्मिंघम में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में नहीं खेल पाते हैं तो भारत की परेशानियां बढ़ना तय है और ऐसे में अन्य तेज गेंदबाजों का अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। बुमराह की अनुपस्थिति भारत को कितनी भारी पड़ सकती है इसका एक नजारा लीड्स में पहले टेस्ट मैच के 65वें और 82वें ओवर के बीच देखने को मिला जब इस तेज गेंदबाज ने गेंदबाजी नहीं की थी। इंग्लैंड ने यह मैच पांच विकेट से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल की।
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जब बुमराह ने 19-3-57-0 के कुल गेंदबाजी विश्लेषण के साथ उस स्पेल का अंत किया, तब 371 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे इंग्लैंड का स्कोर चार विकेट पर 286 रन था और उन्हें एक और ओवर के लिए नहीं बुलाया गया। शायद, कप्तान शुभमन गिल उन्हें दूसरी नई गेंद के लिए बचाकर रखना चाहते थे, जो 15 ओवर बाद ली जानी थी और यह भारत के अपने प्रमुख तेज गेंदबाज के कार्यभार प्रबंधन योजना के अनुरूप भी था।
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इंग्लैंड अभी भी जीत से 85 रन दूर था और अगर इन ओवर में कुछ विकेट गिर जाते तो 80वें ओवर में बुमराह की वापसी के लिए पूरी तरह से मंच तैयार हो जाता। लेकिन जब तक 80 ओवर हुए तब तक इंग्लैंड ने पांच विकेट पर 349 रन बना लिए थे। उसने इन 15 ओवर में 63 रन बनाए थे, जो कि प्रति ओवर चार रन से अधिक की दर थी। ऐसे में बुमराह के लिए भी स्थिति को संभालना संभव नहीं था। अब भारत को एजबेस्टन में 31 वर्षीय बुमराह की अनुपस्थिति की वास्तविकता के साथ समझौता करना होगा।
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भारत के अन्य तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर टुकड़ों में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाए। ऐसी स्थिति में अगर बुमराह दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाते हैं तो इन गेंदबाजों विशेष कर सिराज और प्रसिद्ध को बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उन्हें विशेष कर अपनी लाइन और लेंथ पर ध्यान देना होगा। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश का मानना है कि प्रसिद्ध बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, बशर्ते वह अपने दृष्टिकोण में कुछ मामूली बदलाव करें।
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गणेश ने कहा, ‘‘प्रसिद्ध हमेशा से विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ निरंतरता के साथ गेंदबाजी करने की जरूरत है। उन्हें उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जहां वे गेंदबाजी करते हैं। इससे उन्हें अधिक मेडन ओवर फेंकने में मदद मिलेगी, खासकर तब जब गेंद पुरानी हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में गेंद परिस्थितियों के कारण थोड़ी स्विंग करती है। उन्हें बस बुमराह की तरह लगातार लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करनी होगी। उन्हें बस ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’’
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