दिल्ली पुलिस की एक टीम मंगलवार को दूसरी बार महरौली हत्याकांड का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर के अवशेष बरामद करने के लिए महरौली वन क्षेत्र ले गई। गौरतलब है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी और शव को 35 टुकड़ों में काट दिया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें वन क्षेत्र में कुछ हड्डियां मिली हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। आरोपी को इसके पहले सोमवार को इलाके में ले जाया गया था।
इस बीच ये भी खुलासा हुआ है कि आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा के जिंदा होने का आभास देने के लिए जून तक उसके इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल किया। पूनावाला को शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के महरौली इलाके में अपने लिव-इन पार्टनर की 18 मई को हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने कहा कि पुलिस की टीमें अधिक जानकारी हासिल करने के लिए उसके फोन को स्कैन कर रही हैं।
इसे भी पढ़ें- मुंबई में प्यार, दिल्ली में लिव इन में रहे; फिर एक दिन कर दिए 35 टुकड़े, जानें कैसे आफताब ने श्रद्धा को उतारा मौत के घाट
Published: undefined
एक अधिकारी ने कहा, वह किसी भी संदेह से बचने के लिए श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक्टिव था। पुलिस की टीमें उसके मोबाइल फोन के विवरण की जांच कर रही हैं। 26 वर्षीय श्रद्धा के परिवार ने दावा किया कि कभी-कभी वह अपनी मां को बताती थी कि आफताब उसे पीटता है। एफआईआर के अनुसार, पीड़िता का परिवार रिश्ते के विरोध में था। इस पर श्रद्धा का कहना था कि वह 25 साल की है और उसे अपने फैसले लेने का अधिकार है।
बाद में, उसने घर छोड़ दिया और आफताब के साथ रहने लगी। लेकिन कभी-कभी, वह अपनी मां को बताती थी कि आफताब उसे पीटता है। 2020 में उसकी मां का निधन हो गया। उसके लगभग 15 से 20 दिन बाद, उसने अपने पिता को फोन किया और आफताब द्वारा पीटे जाने की बात कही। पिता ने कहा, वह मुझसे मिली और जब मैंने उसे पूनावाला को छोड़ने और घर लौटने के लिए कहा, तो पूनावाला ने तुरंत उससे माफी मांग ली। जिसके चलते वह दोबारा उसके साथ वापस चली गई। उसने मेरे अनुरोध को नहीं सुना, जिसके कारण मैंने कई महीनों तक उससे बात करना बंद कर दिया।
Published: undefined
आफताब ने 18 मई को 26 वर्षीय श्रद्धा को गला घोंट कर मार डाला। आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर उन्हें अलग अलग जगहों पर फेंक दिया था। खबरों की मानें तो आफताब ने उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटा और उन्हें स्टोर करने के लिए एक नया फ्रिज खरीदा। बदबू से बचने के लिए उसने अपने घर पर अगरबत्ती जलाई। 18 दिनों की अवधि में उसने उन शरीर के टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। किसी भी तरह के संदेह से बचने के लिए वह तड़के 2 बजे पॉलीबैग में शव लेकर घर से निकल जाता था। आफताब कथित तौर पर अमेरिकी क्राइम शो 'डेक्सटर' से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है, जो दोहरी जिंदगी जीता है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined