गुरूग्राम के बहुचर्चित प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि 16 साल के आरोपी छात्र पर बालिग की तरह केस चलेगा। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी पर बालिग की तरह केस चलाया जाएगा।
प्रद्युम्न हत्याकांड में आरोपी छात्र पर अगर आरोप साबित हो जाते है तो 16 साल के आरोपी को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उसे नाबालिग मानते हुए 3 साल तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा।
कोर्ट के फैसला आने के बाद प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “मुझे पता था कि इंसाफ की लड़ाई लंबी चलेगी, मगर हम जरुर अपने बेटे को न्याय दिलाने में कामयाब होंगे, ताकि आगे किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो।”
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इससे पहले 15 दिसंबर को प्रद्युमन हत्याकांड मामले में बहस हुई थी। बहस के दौरान जेजेबी ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बोर्ड ने यह दलील दी थी कि आरोपी किसी भी तरह की राहत का पात्र नहीं है। जबकि सीबीआई ने आरोपी को आक्रामक और उत्तेजित बताया था।
8 सितंबर को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के बाथरूम में सात 7 साल के प्रद्युम्न हत्या की गई थी। हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच करते हुए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था, लेकिन इस मामले की जांच जब सीबीआई को सौंपी गई तो उन्होंने खुलासा किया कि प्रद्युम्न की हत्या कंडक्टर अशोक ने नहीं बल्कि स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के छात्र ने उसकी हत्या की थी।
सीबीआई ने जांच के दौरान यह भी खुलासा किया था कि आरोपी ने प्रद्युम्न की हत्या सिर्फ पीटीएम और परीक्षा को टालने के लिए किया था। सीबीआई का कहना था कि आरोपी छात्र ने कुछ दिनों पहले अपने दोस्त को बताया था कि वह स्कूल परीक्षा को होने नहीं देगा।
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