महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसने ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की रहस्यमयी मौत के सिलसिले में एक बर्खास्त पुलिसकर्मी और एक सट्टेबाज को गिरफ्तार किया है। मुंबई के दोषी पुलिसकर्मी विनायक बी. शिंदे (51) और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश आर. गोर (31) को हिरेन की मौत के मामले में जांच के दौरान पकड़ा गया। हिरेन की एसयूवी स्कार्पियो, जिससे 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं, उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को मिली थी।
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एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि गोर ने शिंदे और अन्य मुख्य अभियुक्त सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे के उपयोग के लिए कथित तौर पर 5 मोबाइल सिम कार्ड खरीदे। गिरफ्तार-निलंबित वाजे वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में है।
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नवंबर 2006 में रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिंदे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। लखन भैया के बारे में बताया जाता है कि वह माफिया डॉन राजेंद्र एस. निखलजे उर्फ छोटा राजन का बहुत करीबी था।
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उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह मई 2020 से पैरोल पर बाहर था। इसी दौरान वह वाजे के संपर्क में आया और कथित तौर पर उसकी अवैध गतिविधियों में मदद की।
एटीएस यह पड़ताल करने के लिए शिंदे-गोर की जोड़ी की जांच कर रही है कि इन अपराधों में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इनका मास्टरमाइंड कौन है। एटीएस की जांच से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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